नीतीश व सुशील मोदी समेत 11 बने विधान पार्षद, राबड़ी बनेंगी नेता प्रतिपक्ष
बिहार विधान परिषद की 11 सीटों के लिए हो रहे चुनाव में सभी उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं। छह मई से सबका कार्यकाल प्रभावी हो जाएगा।
By Ravi RanjanEdited By: Published: Thu, 19 Apr 2018 09:04 AM (IST)Updated: Fri, 20 Apr 2018 08:26 AM (IST)
पटना [राज्य ब्यूरो]। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी एवं स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय समेत 11 प्रत्याशी विधान परिषद के लिए निर्विरोध चुन लिए गए। सबका कार्यकाल छह मई से प्रभावी हो जाएगा। विधानसभा सचिव आरएस राय ने गुरुवार को सभी को प्रमाणपत्र दे दिया। पांच मई को खाली होने वाली 11 सीटों के लिए 11 प्रत्याशियों ने ही पर्चा भरा था जिसके कारण मतदान की नौबत नहीं आई।
नीतीश कुमार एवं राबड़ी देवी के प्रतिनिधि ने प्रमाण पत्र लिया। भाजपा के सुशील मोदी, संजय पासवान एवं मंगल पांडेय, कांग्रेस के प्रेमचंद मिश्रा, जदयू के रामेश्वर महतो एवं खालिद अनवर, राजद के रामचंद्र पूर्वे एवं खुर्शीद मोहसिन और हम के संतोष मांझी ने अपना प्रमाण पत्र खुद लिया। जदयू के दो, भाजपा और कांग्रेस से एक-एक नेता पहली बार विधान परिषद के लिए चुने गए। यह नीतीश, सुशील मोदी एवं राबड़ी की तीसरी तथा मंगल पांडेय की दूसरी पारी होगी।
रामचंद्र पूर्वे की यह चौथी पारी है। अन्य सभी छह सदस्य पहली बार विधान परिषद के सदस्य बनेंगे, जिनमें संजय पासवान, प्रेमचंद मिश्रा, रामेश्वर महतो, खालिद अनवर, खुर्शीद मोहसिन और संतोष सुमन शामिल हैं। एक विधायक वाली जीतन राम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा की राजद कोटे से पहली बार परिषद में इंट्री होगी। मांझी के पुत्र संतोष को राजद ने समर्थन दिया था।
परिषद में अब नहीं दिखेंगे
छह मई को खाली हो रही 11 सीटों में से सिर्फ चार सदस्य ही दोबारा चुनकर आए हैं। शेष सात का कार्यकाल खत्म हो जाएगा। इनमें जदयू के संजय सिंह, उपेंद्र प्रसाद, चंदेश्वर चंद्रवंशी, राजकिशोर कुशवाहा एवं भाजपा के लालबाबू प्रसाद शामिल हैं। भाजपा के सत्येंद्र नारायण सिंह का निधन हो गया है, जबकि दल-बदल के कारण जदयू के नरेंद्र सिंह की सदस्यता पहले ही खत्म हो गई थी।
राबड़ी बनेंगी नेता प्रतिपक्ष
नए सदस्यों के शपथ लेने के बाद 75 सदस्यों वाले उच्च सदन में विभिन्न दलों की संख्या प्रभावित होगी। सत्ताधारी दल जदयू परिषद में सबसे बड़ी पार्टी बनी रहेगी। जदयू के 32 और भाजपा के 22 सदस्य होंगे। 80 विधायकों वाली पार्टी राजद का परिषद में तीसरा स्थान होगा। नौ सदस्यों के बूते राबड़ी देवी को परिषद में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा मिल जाएगा। अशोक चौधरी के साथ चार सदस्यों के दल बदल के कारण कांग्र्रेस के सिर्फ दो सदस्य ही बच गए थे। अब उनके तीन सदस्य हो जाएंगे।
नीतीश कुमार एवं राबड़ी देवी के प्रतिनिधि ने प्रमाण पत्र लिया। भाजपा के सुशील मोदी, संजय पासवान एवं मंगल पांडेय, कांग्रेस के प्रेमचंद मिश्रा, जदयू के रामेश्वर महतो एवं खालिद अनवर, राजद के रामचंद्र पूर्वे एवं खुर्शीद मोहसिन और हम के संतोष मांझी ने अपना प्रमाण पत्र खुद लिया। जदयू के दो, भाजपा और कांग्रेस से एक-एक नेता पहली बार विधान परिषद के लिए चुने गए। यह नीतीश, सुशील मोदी एवं राबड़ी की तीसरी तथा मंगल पांडेय की दूसरी पारी होगी।
रामचंद्र पूर्वे की यह चौथी पारी है। अन्य सभी छह सदस्य पहली बार विधान परिषद के सदस्य बनेंगे, जिनमें संजय पासवान, प्रेमचंद मिश्रा, रामेश्वर महतो, खालिद अनवर, खुर्शीद मोहसिन और संतोष सुमन शामिल हैं। एक विधायक वाली जीतन राम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा की राजद कोटे से पहली बार परिषद में इंट्री होगी। मांझी के पुत्र संतोष को राजद ने समर्थन दिया था।
परिषद में अब नहीं दिखेंगे
छह मई को खाली हो रही 11 सीटों में से सिर्फ चार सदस्य ही दोबारा चुनकर आए हैं। शेष सात का कार्यकाल खत्म हो जाएगा। इनमें जदयू के संजय सिंह, उपेंद्र प्रसाद, चंदेश्वर चंद्रवंशी, राजकिशोर कुशवाहा एवं भाजपा के लालबाबू प्रसाद शामिल हैं। भाजपा के सत्येंद्र नारायण सिंह का निधन हो गया है, जबकि दल-बदल के कारण जदयू के नरेंद्र सिंह की सदस्यता पहले ही खत्म हो गई थी।
राबड़ी बनेंगी नेता प्रतिपक्ष
नए सदस्यों के शपथ लेने के बाद 75 सदस्यों वाले उच्च सदन में विभिन्न दलों की संख्या प्रभावित होगी। सत्ताधारी दल जदयू परिषद में सबसे बड़ी पार्टी बनी रहेगी। जदयू के 32 और भाजपा के 22 सदस्य होंगे। 80 विधायकों वाली पार्टी राजद का परिषद में तीसरा स्थान होगा। नौ सदस्यों के बूते राबड़ी देवी को परिषद में नेता प्रतिपक्ष का दर्जा मिल जाएगा। अशोक चौधरी के साथ चार सदस्यों के दल बदल के कारण कांग्र्रेस के सिर्फ दो सदस्य ही बच गए थे। अब उनके तीन सदस्य हो जाएंगे।
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