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मिशन 2019: कांग्रेस में ऑल इज नॉट वेल, थमने का नाम नहीं ले रही गुटबाजी

बिहार कांग्रेस भले ही दावा करे कि प्रदेश की नई कार्यकारिणी के प्रभावी होते ही पुराने विवाद समाप्त हो गए हैं, लेकिन हकीकत कुछ अलग ही है। कांग्रेस में क्या चल रहा है, जानिए।

By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 22 Oct 2018 10:02 PM (IST)Updated: Mon, 22 Oct 2018 10:02 PM (IST)
मिशन 2019: कांग्रेस में ऑल इज नॉट वेल, थमने का नाम नहीं ले रही गुटबाजी
मिशन 2019: कांग्रेस में ऑल इज नॉट वेल, थमने का नाम नहीं ले रही गुटबाजी
पटना [एसए शाद]। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एक बार फिर बिहार कांग्रेस खेमों में बंटी नजर आ रही है। प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में यह बात खुल कर सामने आई। इस बड़े कार्यक्रम में कई वरिष्ठ नेताओं की अनुपस्थिति को सभी ने नोटिस किया।
पार्टी के बड़े कार्यक्रम में नजर नहीं आए चारों कार्यकारी अध्‍यक्ष
प्रदेश कांग्रेस के नवनियुक्त चार कार्यकारी अध्यक्षों को आमंत्रण नहीं था। हालांकि, मुख्य आयोजक पार्टी के वरिष्ठ नेता अखिलेश सिंह ने कहा कि आमंत्रण सभी को था। एक कार्यकारी अध्यक्ष समीर कुमार सिंह से तो उन्होंने खुद बात की थी। मगर, कुछ ही घंटे बाद कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल द्वारा बुलाई गई परामर्शी कमेटी की बैठक में भी गुटबाजी के संकेत सामने आए। चारों कार्यकारी अध्यक्ष इस बैठक में भी मौजूद नहीं थे।

सदानंद सिंह ने गुटाबाजी को नकारा, दी ये सफाई
कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह ने हालांकि गुटबाजी को नकारते हुए इसे क्षणिक परिस्थिति करार दिया। उनके मुताबिक, प्रदेश में पार्टी की विभिन्न कमेटियां गठित नहीं हो पाई हैं। कार्यकारिणी समिति एवं परामर्शी समिति का विस्तार भी अपेक्षित है। राज्य स्तर के पदाधिकारियों की नियुक्ति भी नहीं हो पाई है। ऐसे में पार्टी नेताओं में कुछ निराशा है। जल्द ही सबकी आकांक्षा पूरी होगी।
सदानंद सिंह ने बताया कि सूबे में कांग्रेस के लिए अच्छा माहौल है। उन्होंने श्रीकृष्ण सिंह के जयंती समारोह में शामिल नहीं होने की वजह अपने पैतृक जिले भागलपुर से पटना पहुंचने में काफी विलंब हो जाना बताया।
कादरी बोले: पार्टी की विचारधारा से मेल नहीं खाता कुछ का आचरण
मगर केवल सदानंद सिंह ही नहीं, कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी सचिव वीरेंद्र सिंह राठोर और राजेश लिलोटिया के अलावा पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार और चारों प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष- कौकब कादरी, डा. अशोक कुमार, डा. समीर कुमार सिंह एवं श्याम सुंदर सिंह धीरज भी मौजूद नहीं थे।

कौकब कादरी ने कहा कि पार्टी में गुटबाजी नहीं, बल्कि विचारधारा के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है। कांग्रेस की विचारधारा पर चलने वालों में बहुत बेहतर समन्वय है, मगर कुछ लोगों का आचरण पार्टी की विचारधारा से मेल नहीं खाता। ऐसे नेताओं का नाम उन्‍होंने नहीं लिया, मगर उनका इशारा राजद से कांग्रेस में आए अखिलेश सिंह की ओर था।


इन नेताओं ने भी दी सफाई

समीर कुमार सिंह ने कहा कि नालंदा में आयोजित श्री बाबू की जयंती कार्यक्रम से लौटने में विलंब के कारण वह परामर्शी समिति की बैठक में शामिल नहीं हो सके। इस बीच, कांग्रेस के कुछ नेता पार्टी के तीसरे प्रभारी सचिव अल्पेश ठाकोर को श्रीकृष्ण जयंती में आमंत्रित नहीं करने की अखिलेश सिंह की कार्यक्रम से एक दिन पहले घोषणा से भी असहज हैं। इनका मानना है कि ऐसी घोषणा कर इस बात पर मुहर लगाने की कोशिश हुई है कि अल्पेश ठाकोर गुजरात में बिहारियों पर हो रहे हमले के लिए जिम्मेदार हैं।

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