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तेजस्‍वी को छोड़ सभी पूर्व मंत्रियों ने खाली किया बंगला, नेता प्रतिपक्ष को इसलिए मिली राहत

नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव को छोड़ सभी पूर्व मंत्रियों ने सरकारी बंगले को खाली कर दिया है। तेजस्‍वी के मामले में न्‍यायालय के फैसले का इंतजार किया जा रहा है।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Thu, 07 Jun 2018 06:47 PM (IST)Updated: Thu, 07 Jun 2018 11:20 PM (IST)
तेजस्‍वी को छोड़ सभी पूर्व मंत्रियों ने खाली किया बंगला, नेता प्रतिपक्ष को इसलिए मिली राहत
तेजस्‍वी को छोड़ सभी पूर्व मंत्रियों ने खाली किया बंगला, नेता प्रतिपक्ष को इसलिए मिली राहत

पटना [राज्य ब्यूरो]। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव को छोड़कर सभी पूर्व मंत्रियों ने सरकारी बंगले खाली कर दिए हैं। तेजस्वी के मामले में न्यायालय के अगले निर्णय का इंतजार किया जा रहा है।

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भवन निर्माण विभाग से मिली आधिकारिक जानकारी के अनुसार भवन निर्माण विभाग ने पूर्व मंत्रियों को आवास खाली करने को इविक्शन आॅर्डर जारी किया था। इसके विरुद्ध चार-पांच समूह में मंत्रियों ने न्यायालय की शरण ली थी। भवन निर्माण विभाग को न्यायालय से सभी मामलों में जीत हासिल हुई। वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के पांच देशरत्न मार्ग बंगले को खाली कराए जाने मामले में अभी पटना उच्च न्यायालय का स्टे लगा है।

वहीं, पूर्व मंत्री प्रो. चंद्रशेखर का बंगला अभी खाली नहीं हुआ। प्रो. चंद्रशेखर को विधायक के रूप में जो बंगला आवंटित हुआ है उसमें एक वर्तमान मंत्री रह रहे हैैं। उक्त मंत्री को जो बंगला आवंटित है उसमें अभी काम चल रहा है। जैसे ही वर्तमान मंत्री अपने नए बंगले में जाएंगे उसके बाद प्रो. चंद्रशेखर केंद्रीय पूल से मंत्री के लिए आवंटित बंगले को खाली कर देंगे।

गौरतलब है कि महागठबंधन सरकार गिरने के बाद तेजस्‍वी यादव को उपमुख्‍यमंत्री की हैसियत से मिले बंगले को खाली करने को कहा जा रहा था। उन्हें 5 देशरत्‍न मार्ग से बंगला खाली करा कर अन्यत्र शिफ्ट किया जा रहा था। जब लगातार नोटिस देने के बाद भी तेजस्‍वी ने बंगला नहीं खाली किया तो बीते 2 अप्रैल को राज्य सरकार ने जिलाधिकारी को इस बाबत निर्देश दिया।

जिला प्रशासन के दवाब के बाद तेजस्वी यादव की ओर से अधिवक्ता श्रीवास्तव ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। अधिवक्ता श्रीवास्तव ने कहा कि तेजस्वी यादव से बंगला खाली करा कर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को आवास दिए जाने की कार्रवाई चल रही है, जबकि यह सेंट्रल पूल के क्षेत्राधिकार में आता है। अधिवक्ता ने कहा कि संवैधानिक रूप से उपमुख्यमंत्री का कोई पद ही नहीं है। खाली कराए गए बंगले को उपमुख्यमंत्री को दिया जाना गैरकानूनी है। अब इस मामले की अगली सुनवाई गर्मी छुट्टी के बाद होगी।


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