सौर ऊर्जा से रोशन होंगे राज्य के सभी सिविल कोर्ट
पटना समेत सात जगहों के सिविल कोर्ट में अभी इसमें समय लगेगा।
फोटो : लोकल में 13 जुलाई
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- पटना उच्च न्यायालय में 70 किलोवाट लोड का लगा है संयंत्र
- तीसरे चरण में पटना सिविल कोर्ट में स्थापित होगा संयंत्र
- 40 किलोवाट क्षमता का संयंत्र लगेगा पटना सिविल कोर्ट में
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मृत्युंजय मानी, पटना : राज्य के सभी सिविल कोर्ट सौर ऊर्जा से रोशन होंगे। पटना सहित सात सिविल कोर्ट को छोड़कर बाकी सभी कोर्ट में सौर ऊर्जा संयंत्र लग गए हैं। अब एक- एक कर बिजली आपूर्ति प्रारंभ की जा रही है। 15 अगस्त तक सात कोर्ट को छोड़कर बाकी सौर ऊर्जा से रोशन हो जाएंगे। पटना उच्च न्यायालय में 70 किलोवाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित हो चुका है। इससे हाईकोर्ट को बिजली मिलने लगी है। बिहार अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (ब्रेडा) के एमडी आलोक कुमार सौर ऊर्जा संयंत्र की सतत निगरानी कर रहे हैं।
पटना सिविल कोर्ट सहित राज्य के सात सिविल कोर्ट मे अंतिम चरण में यह संयंत्र लगेगा। इसके लिए ब्रेडा ने योजना बनाकर मंजूरी के लिए ऊर्जा विभाग को भेज दिया है। मंजूरी मिलने के बाद पटना, बांका, लखीसराय, शिवहर, दरभंगा, सुपौल और अरवल सिविल कोर्ट में संयंत्र लगाने का कार्य प्रारंभ हो जाएगा। पटना सिविल कोर्ट को सौर ऊर्जा से रोशन होने में समय लगेगा। यहां 40 किलोवाट का संयंत्र लगेगा।
मधेपुरा, सारण, कैमूर, बक्सर सहित राज्य के कई सिविल कोर्ट में मीटर लग गए हैं। अब यहां सौर ऊर्जा से बिजली का इस्तेमाल होने लगा है। सौर ऊर्जा से बिजली का ज्यादा उत्पादन होने पर यह ग्रिड में चली जाएगी तथा मांग से कम बिजली होने पर ग्रिड की बिजली भी मिलेगी। इसका लेखा-जोखा मीटर करेगा। इस अत्याधुनिक मीटर में दोनों तरफ की बिजली गणना की व्यवस्था की गयी है। सभी सिविल कोर्ट में पूर्व से बिजली कनेक्शन के लोड के बराबर संयंत्र लगाए गए हैं। यहां अधिकतम 40 किलोवाट लोड का सौर ऊर्जा संयंत्र लगाया गया है। जबकि कम लोड जरूरत वाले सिविल कोर्ट में कम लोड का संयंत्र लगा है। ऊर्जा विभाग के अधिकारियों के अनुसार सौर ऊर्जा को केंद्र और राज्य सरकार बढ़ावा दे रही है। इसी उद्देश्य से सिविल कोर्ट के भवनों का भी चयन किया गया है।