अखिलेश सिंह ने नेता पुत्रों को टिकट मिलने का खोला राज, कहा- आलाकमान की मर्जी से होता ये सब
कांग्रेस नेता अखिलेश सिंह ने कहा कि आला कमान की मर्जी से ही नेता पुत्रों को टिकट मिलता है। वे राहुल गांधी के पुत्र मोह दिखाने वाले नेताओं के प्रति नाराजगी पर बोल रहे थे।
पटना [राज्य ब्यूरो]। प्रदेश कांग्रेस अभियान समिति के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आलाकमान की मर्जी से ही नेता पुत्रों को टिकट मिलता है। वह राहुल गांधी के पुत्र मोह दिखाने वाले नेताओं के प्रति नाराजगी जताने के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। अखिलेश प्रसाद सिंह के पुत्र आकाश सिंह भी रालोसपा की टिकट पर पूर्वी चंपारण से चुनाव लड़े थे।
सिंह ने स्वीकार किया कि उन्होंने पूर्वी चंपारण में प्रचार के लिए अधिक समय दिया, परन्तु कांग्रेस की नौ सीटों पर भी उन्होंने पूरा समय दिया। उन्होंने कहा कि मुझ पर मुंगेर और पूर्णिया के प्रत्याशी को टिकट दिलाने के लिए आला कमान के समक्ष विशेष जोर लगाने का भी आरोप लग रहा है, मगर इन दो सीटों पर पूर्व के चुनावों से अधिक वोट इस बार कांग्रेस प्रत्याशी को मिले हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता निराश नहीं हैं। फिर से हम सब मिलकर मजबूती से आगे बढ़ेंगे। संगठन मजबूत करेंगे। यह पूछे जाने पर कि रालोसपा, हम और वीआइपी जैसे दलों का 11 सीटें दी गईं तो क्या इन दलों की बदौलत एक-दूसरे को वोट ट्रांसफर हुआ, उन्होंने कहा कि अगर वोट ट्रांसफर हुआ होता तो ऐसे परिणाम नहीं आते। वोट ट्रांसफर नहीं होने के अतिरिक्त हार के अन्य कारणों को गिनाते हुए उन्होंने कहा कि ऊपर में तो दलों में तालमेल हुआ, मगर निचले स्तर पर कार्यकर्ताओं में समन्वय का अभाव रहा। राहुल गांधी की सभा में जुटने वाली भीड़ को हम वोट में बदल नहीं पाए।
अखिलेश प्रसाद सिंह ने उत्तर प्रदेश में बसपा और सपा के बीच गठबंधन में दरार आने की चर्चा पर कहा कि मायावती उपचुनाव हमेशा अकेले लड़ती हैं। या तो वह उपचुनाव में हिस्सा नहीं लेतीं, या अकेले लड़ती हैं।
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