जानिए जबलपुर से मुंगेर लाए गए AK-47 का टेरर कनेक्शन
मुंगेर में जबलपुर से तस्करी कर लाए गए एके 47 नक्सलियों व आतंकियों को भी बेचे गए। पुलिस को आशंका है कि उनका इस्तेमाल 2013 के ढ़ाका आतंकी हमले में भी किया गया। जानिए पूरा मामला।
जागरण टीम, पटना / जबलपुर। जबलपुर से बिहार के मुंगेर लाए गए तस्करी के एके 47 राइफलें केवल नक्सलियों को ही नहीं, इंडियन मुजाहदीन के आतंकियों व दाउद इब्राहिम के गैंग (डी कंपनी) को भी बेची गईं। यह कबूलनामा है मुंगेर में पकड़े गए हथियार तस्करों का। मुंगेर से ये राइफलें 2013 में हुए ढ़ाका आतंकी हमले में भी इस्तेमाल किए गए थे।
उधर, जबलपुर में सेन्ट्रल आर्डनेंस डिपो (सीओडी) में एके-47 चोरी की जांच करने गई पुलिस टीम को संस्थान की बाउंड्रीवॉल में एक बड़ा छेद मिला है। आरोपित सुरेश ठाकुर (सीओडी के आरएसएसडी वर्कशॉप का सीनियर इंचार्ज) ने पेड़ की आड़ में बाउंड्रीवॉल में बनाए गए छेद से आना-जाना करके कई एके-47 चुराना कबूल किया है। पुलिस ने एके-47 चोरी व तस्करी के मामले में यह नया खुलासा किया है। आरोपितों से फिलहाल पूछताछ जारी है।
सीओडी से एके 47 चुरा बेचा
जबलपुर के पुलिस प्रवक्ता के अनुसार सीओडी से आरोपित सुरेश ठाकुर एके-47 चुराकर सेना के सेवानिवृत्त आर्मरर पुरुषोत्तम रजक के हवाले कर देता रहा। इस काम में आरोपित सुरेश की 2-3 अन्य लोग भी मदद करते रहे। उन्हें अच्छी तरह से पता था कि सीओडी से एके-47 चुराई जा रही है। इसलिए अब पुलिस सुरेश के साथियों को खोज रही है।
वहीं आरोपित पुरुषोत्तम एके-47 की जांच करके उन्हें दोबारा उपयोग करने लायक बनाता रहा। उसने अपनी पत्नी चन्द्रवती, बेटे शीलेन्द्र की मदद लेकर 6 साल के दौरान 70 से ज्यादा एके-47 जबलपुर से मुंगेर ले जाकर बेचना कबूल किया है।
आरोपित पुरुषोत्तम ने करीब 3 माह पहले नया मोबाइल खरीदा था, जिसमें एक अलग सिम लगाकर एके-47 के खरीददारों से चर्चा करता रहा। आरोपित पुरुषोत्तम ने बताया है कि उसने रीवा स्थित ससुराल में उस सिम को तोड़कर फेंक दिया है। इसलिए मामले की जांच करने पुलिस की एक टीम रीवा भी जा सकती है।
ढा़का आतंकी हमले से भी जुड़ रहे तार
इस बीच मुंगेर पुलिस ने आशंका जाहिर की है कि 2013 में ढा़का में हुए आतंकी हमले में प्रयुक्त एके 47 मुंगेर से ही तस्करी के माध्यम से भेजे गए थे। मुंगेर पुलिस अब 2012 के बाद के वैसे सभी आतंकी हमलों की पड़ताल पर बल दे रही है, जिनमें एके 47 का इस्तेमाल हुआ है।
मुंगेर पुलिस ने गुरुवार को तस्करी के छिपाए गए एके 47 की खोज जारी रखी। इसके लिए एसने हथियार तसकरी के लिए बदनाम गांव मिर्जापुर वरदह में छापेमारी की। पुलिस का मनना है कि तस्करों ने यहां हथियार जमीन में गाड़ दिए हैं।
आरोपितों ने जुर्म कबूल किया
पुलिस एके-47 चोरी और तस्करी के आरोपित सुरेश ठाकुर, पुरुषोत्तम रजक, उसके बेटे शीलेन्द्र रजक को न्यायालय से 8 दिन की रिमांड पर लिया गया। इससे इन सभी आरोपितों को 6 से 14 सितंबर तक गोरखपुर थाने में रखकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस रिमांड में आरोपितों ने अपने जुर्म कबूल कर लिए हैं।
डायरी ने बताया हिसाब
पुलिस जांच टीम ने सीओडी वर्कशॉप से आरोपित सुरेश ठाकुर की 3 डायरियां जब्त की हैं। इन डायरियों में नोटबंदी के दौरान वर्कशॉप के कुछ कर्मचारियों को 2 से 4 लाख रुपए देने व वापस लेने का हिसाब भी दर्ज है। उसने एक डायरी में लाखों का हिसाब के साथ ही अपने करीबी कर्मचारियों के नामों का उल्लेख भी किया है।
एजेंसियों ने नहीं किया खुलासा
एके-47 चोरी व तस्करी के आरोपितों से गोरखपुर थाने में पूछताछ करने वालों में मिलिट्री इंटेलीजेंस, इंटेलीजेंस ब्यूरो, एसटीएफ, एटीएस, सीओडी सिक्योरिटी के अधिकारी शामिल रहे। यह एजेंसियां आरोपितों से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर जांच भी कर रही हैं। इसके बाद भी अब तक किसी ने कोई खुलासा नहीं किया है।
आतंकियों को बेची एके-47
मुंगेर में 3-3 एके-47 सहित पकड़े गए आरोपित इमरान, शमशेर और नियाजुल हसन से पुलिस पूछताछ का सिलसिला जारी है। इन आरोपितों ने कई एके-47 इंडियन मुजाहदीन के आतंकियों, डी कंपनी और नक्सलियों को बेचना कबूल किया है। मुंगेर पुलिस इन आरोपितों के लिए जब भी न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजेगी, जबलपुर पुलिस उन्हें प्रोडक्शन वारंट पर यहां लाकर पूछताछ करेगी।
एसपी जबलपुर ने कहा-
जबलपुर के एसपी अमित सिंह ने बताया कि सीओडी के वर्कशॉप में पीछे की ओर बनी दीवार में बड़ा छेद मिला है, जिससे वर्कशॉप इंचार्ज सुरेश एके-47 चुराकर बाहर लाता रहा। उसने नोटबंदी के दौरान अपने करीबियों को लाखों रुपए देकर उनके खातों में जमा कराए, जिसका हिसाब उसकी डायरियों में लिखा है।