छठ में सामान्य से सात गुना अधिक रहा वायु प्रदूषण, सुबह छाई रही धुंध
छठ पर साफ-सफाई के कारण वातावरण भक्तिमय रहा लेकिन वायु प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक रही। हवा में पीएम 2.5 का स्तर 416 रिकॉर्ड किया गया। आदर्श स्थिति में यह आंकड़ा 60 होना चाहिए था।
पटना, जेएनएन। छठ पर शहर के गली-मोहल्लों से लेकर गंगा घाटों तक गंदगी का नामोनिशान नहीं दिखा। हर तरफ अपनी बेहतर व्यवस्था से प्रशासन ने अपनी पीठ थपथपाई। वहीं त्योहार पर वायु गुणवत्ता सामान्य से सात गुना अधिक खराब हो गई। हवा में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5) का स्तर 416 रिकॉर्ड किया गया। आदर्श स्थिति में यह आंकड़ा 60 होना चाहिए था। घाटों पर आतिशबाजी, ट्रैफिक जाम के कारण वाहनों के धुएं से वायुमंडल में सुबह धुंध छाई रही।
पटना में छठ के पहले पटना की हवा में पीएम 2.5 का स्तर 358 तक पहुंच गया था। दरअसल दीपावली के मौके पर आतिशबाजी से पटना में वायु गुणवत्ता सामान्य से 12 गुना अधिक खराब हुई। पीएम 2.5 की मात्रा 60 की तुलना में 767 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रिकॉर्ड की गई। पीएम-10 का स्तर सामान्य से 10 गुना अधिक 100 की तुलना में 1046 पहुंच गया। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिवाली के मौके पर राजधानी में आठ जगहों पर ध्वनि और वायु गुणवत्ता की जांच रिपोर्ट जारी की थी।
राजधानी में दीपावली के पूर्व 6 नंवबर को पटना में पीएम 2.5 का स्तर 337 रिकॉर्ड किया गया था। 7 नवंबर की सुबह इसका स्तर 371 पहुंचा था। दिवाली के दिन 767.5 और पीएम10 का स्तर 1046 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रिकॉर्ड किया गया।
दीपावली से बनने लगी थी स्थिति
छठ महापर्व पर साफ-सफाई के कारण वातावरण भक्तिमय रहा लेकिन बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानक के अनुसार पीएम 2.5 की मात्रा हवा में 60 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर के विरुद्ध 416 तक रिकॉर्ड की गई। वैसे 1 नवंबर से वायु गुणवत्ता का स्तर बेहद खतरनाक श्रेणी की ओर बढ़ता नजर आया है। दीपावली और छठ के मौके पर प्रदूषण की मात्रा बढ़ी है।