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आपके गांव में ही इलाज करेंगे एम्स के विशेषज्ञ डॉक्‍टर, नहीं लगानी होगी पटना और दिल्‍ली की दौड़

प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में विशेषज्ञ चिकित्‍सक और अच्‍छे अस्‍पताल की कमी हमेशा खटकती रही है। इसके कारण ही इलाज के लिए लोगों को शहर की दौड़ लगानी पड़ती है। सरकार अब ऐसी व्‍यवस्‍था कर रही है कि एम्‍स के डॉक्‍टर आपका इलाज अापके गांव में ही कर देंगे

By Shubh NpathakEdited By: Published: Sun, 08 Nov 2020 07:43 AM (IST)Updated: Sun, 08 Nov 2020 07:43 AM (IST)
आपके गांव में ही इलाज करेंगे एम्स के विशेषज्ञ डॉक्‍टर, नहीं लगानी होगी पटना और दिल्‍ली की दौड़
आपके गांव में ही खुल सकता है 10 बेड का अस्‍पताल। जागरण

पटना [नलिनी रंजन]। ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए राहत भरी खबर है। अब गांव में ही गंभीर बीमारियों का इलाज करा सकेंगे। वह भी एम्स के डॉक्टरों की निगरानी में। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में ही ढाई लाख रुपये से भी कम राशि में 10 बेड का अस्पताल खुलेगा।

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अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने टेली कम्युनिटी हेल्थ सेंटर हर जिले में खोलने की योजना बनाई है। इस पायलट परियोजना के तहत ट्रायल के लिए सिवान के चारी बाजार में 10 बेड का हेल्थ सेंटर स्थापित किया गया। इस पर महज दो लाख 29 हजार रुपये लागत आई है। जुलाई से अब तक 500 से अधिक कोरोना व अन्य मरीजों का यहां एम्स के डॉक्टर उपचार कर चुके हैं और सभी मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं। अब राज्य के 38 जिलों में 10-10 टेली मेडिसिन कम्युनिटी हेल्थ सेंटर खोलने की तैयारी है।

सुदूर गांवों के लिए संजीवनी साबित होगी योजना

एम्स टेली मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार के इस आइडिया को इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल साइंस ने पब्लिश किया है। डॉ. अनिल ने बताया कि तत्कालीन स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार के आग्रह पर इस प्रस्ताव पर एम्स प्रशासन ने कार्य किया था। अब यह सुदूर गांवों के लिए बेहतर अस्पताल साबित हो सकेगा।

अस्पताल चलाने के लिए एम्स देगा प्रशिक्षण

सुदूर गांवों में अस्पताल चलाने के लिए एम्स वहां के कर्मियों को प्रशिक्षण देगा। इन केंद्रों पर टेली मेडिसिन ऑपरेटर, आशा कार्यकर्ता, हेल्थ प्रोफेशनल, एम्स पटना से प्रशिक्षण लेकर केंद्र को संचालित कर सकते हैं। हर जिले में 10 केंद्रों के लिए एक एम्बुलेंस की व्यवस्था होगी, जो गंभीर मरीजों को बड़े अस्पतालों में शिफ्ट करेंगे। कोविड ही नहीं, अन्य जेई या कोई भी प्राकृतिक आपदा में यह केंद्र राज्य के लिए फायदेमंद सिद्ध होगा।

परेशानी होने पर एम्स के निदेशक करेंगे मार्गदर्शन

एम्स पटना ने इसे जुलाई में लांच किया था। हर जिले में केंद्र जिलाधिकारी एवं एम्स पटना के चिकित्सकों की निगरानी में संचालित होगा। इसमें किसी विशेष आदेश या परेशानी होने पर एम्स निदेशक मार्गदर्शन करेंगे।

मिलेंगी ये सुविधाएं और इतना होगा खर्च

राज्य के 38 जिलों में 380 केंद्र खुलेंगे। इसके लिए 3800 बेड, बेड, गद्दे, साइड टेबल, बेड शीट, तकिया, ऑक्सीजन सिलेंडर, फ्लोमीटर, ऑक्सीजन मास्क, थर्मामीटर, बीपी जांच मशीन, पल्स ऑक्सीमीटर, आइवी सेट, सीसीटीवी विथ चार कैमरे, पीपीई कीट की जरूरत होगी। इसे आसानी से किसी भी सामुदायिक भवन या स्कूल में संचालित किया जा सकता है। एक केंद्र के निर्माण में दो लाख 29 हजार रुपये खर्च आएंगे।

कहते हैं अधिकारी

एम्स पटना के निदेशक डॉ. पीके सिंह का कहना है कि एम्स का टेली मेडिसिन कम्युनिटी हेल्थ सेंटर कोरोना, आपदा-महामारी के लिए वरदान साबित होगा। बिना किसी परेशानी के गंभीर मरीजों का उपचार गांव में ही एम्स के डॉक्टरों की निगरानी में हो सकेगा।

यह भी जान लें आप

-ढाई लाख में खुलेगा 10 बेड का अस्पताल, रहेगी पूरी सुविधा

-राज्य के सभी जिलों में 10-10 टेली मेडिसिन कम्युनिटी हेल्थ सेंटर खोलने की भी तैयारी

-10 केंद्रों के लिए एक एम्बुलेंस की व्यवस्था होगी, गंभीर मरीजों को समय रहते अस्पताल कराया जाएगा शिफ्ट

-500 से अधिक मरीजों की सिवान अस्पताल में हो सका है उपचार

-10 बेड का हेल्थ सेंटर सिवान के चारी बाजार में खुला है, दो लाख 29 हजार रुपये आए खर्च


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