वाटरप्रूफिंग ट्रीटमेट के लिए नहीं मिल पायी एजेंसी, फिर से निविदा
विधानसभा के नए भवन के भूतल का सीपेज खत्म करने के लिए वाटर प्रूफिंग ट्रीटमेट कराया जाएगा।
पटना। विधानसभा के नए भवन के भूतल का सीपेज खत्म करने के लिए वाटर प्रूफिंग ट्रीटमेट कराया जाना है। भवन निर्माण विभाग को इस कार्य के लिए एजेंसी नहीं मिल पाई है। एजेंसी की तलाश के लिए निविदा की गई थी पर केवल एक एजेंसी ने इस महत्वपूर्ण निर्माण तकनीक वाले काम में अपनी दिलचस्पी दिखाई। अब इस काम के लिए फिर से निविदा की तैयारी है।
दो फ्लोर की ऊंचाई तक है बेसमेट
विधानसभा के नए भवन का बेसमेट लगभग दो फ्लोर के भवन की ऊंचाई के बराबर है। भूतल की स्थिति यह है कि अभी वहां बालू पड़ा है और पानी का रिसाव होता रहता है। अभियंताओं ने काफी कोशिश की पर रिसाव को खत्म करने में सफलता नहीं मिली। इस वजह से नीचे के निर्माण के काम में बाधा है।
आइआइटी रूड़की के प्रस्ताव पर होनी है वाटर प्रूफिंग
भवन निर्माण विभाग ने सीपेज को दूर किए जाने को ले आइआइटी रूड़की के विशेषज्ञों की सलाह ली। उन्हें यह भी बताया गया कि जिस जगह पर विधानसभा के नए भवन का निर्माण किया गया है वहां एक समय सोन की धारा थी। नीचे बालू ही बालू है। पूरी स्थिति के अध्ययन के बाद आइआइटी रूड़की के विशेषज्ञों ने विधानसभा के नए भवन के भूतल की वाटरप्रूफिंग ट्रीटमेट कराए जाने की सलाह दी।
ये है वाटरप्रूफिंग की तकनीक
वाटर प्रूफिंग तकनीक के तहत भूतल पर बॉक्सनुमा संरचना को तैयार किया जाएगा। वहां पाइप लगाकर सीपेज के पानी को एक जगह स्टोर कर उसे नियमित रूप से बाहर निकालने की व्यवस्था तैयार होगी। भूतल पर बने बॉक्स के ऊपर एक लोहे की शीट लगाई जाती है और फिर उस पर ढलाई की जाती है। दीवार के सीपेज खत्म किए जाने को भी वहां पाईप और सीट लगाकर रिसाव होने वाले पानी को निकाला जाता है। यह तकनीक कई जगहों पर सफल रही है।