Bihar: दो महीने में कोरोना का डबल अटैक, ब्लैक फंगस के आपरेशन के बाद फिर हुआ पॉजिटिव
वैशाली के रहने वाले एक मरीज के दो माह में दो बार कोरोना पॉजिटिव आने से डाक्टर भी हैरान हैं। मरीज का ब्लैक फंगस का आपरेशन पटना में हुआ था। इसके बाद जब छुट्टी देने के वक्त एंटीजेन जांच की गई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
पटना, जागरण संवाददाता। पहले कोरोना, फिर ब्लैक फंंगस (Black Fungus) और उसके बाद फिर कोरोना का संक्रमण। अपने तरह का ऐसा अकेला मामला पीएमसीएच में सामने आ गया है। महज दो महीने में कोरोना के डबल अटैक (Double Attack of Coronavirus) के इस केस ने चिंता बढ़ा दी है। इससे डाक्टर भी सकते में हैं। इस बीच पीएमसीएच से बिना डाक्टर की स्वीकृति के स्वजन मरीज को लेकर चले गए हैं। आज शाम में आरटीपीसीआर रिपोर्ट आएगी। सोमवार को मरीज के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद संपर्क में 50 स्वास्थ्यकर्मियों की जांच कराई जाएगी।
स्टेरायड की वजह से हुआ पोस्ट कोविड सिंड्रोम
जानकारी के अनुसार पीएमसीएच (Patna Medical College and Hospital) में वैशाली निवसी अरविंद कुमार का इलाज चल रहा था। पेशे से सरकारी शिक्षक 43 वर्षीय अरविंद कुमार 29 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। वे होम क्वारंटाइन थे। इलाज के दौरान उन्हें स्टेरायड का इंजेक्शन दिया गया था। यही स्टेरायड उनके लिए भारी पड़ गया। कोरोना से ठीक होने के बाद उन्हें पोस्ट कोविड सिंड्रोम (Post Covid 19 Syndrome) हो गया। ब्लैक फंगस की शिकायत आई तो उन्हें पीएमसीएच में भर्ती कराया गया। पीएमसीएच में भर्ती होने के दिन 29 मई को जांच कराई गई तो उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव थी।
पटना के निजी अस्पताल में दो बार हुआ आपरेशन
पीएमसीएच में ब्लैक फंगस के आपरेशन की व्यवस्था नहीं होने के कारण उन्होंने पटना के एक निजी अस्पताल की शरण ली। वहां दो बार आपरेशन हुआ। पहली बार चार जून को और दूसरी बार 17 जून को। आपरेशन के बाद वे वापस पीएमसीएच आ गए। इस क्रम में 30 जून को उनकी आरटीपीसीआर टेस्ट हुई। इसमें निगेटिव आई। कुल मिलाकर ब्लैक फंगस के इलाज के क्रम में चार बार उनकी जांच हुई, हर बार कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव रही। डॉक्टर का कहना था कि एंफोटेरेसिन बी इंजेक्शन की डोज पूरी होने के बाद वे घर जा सकते हैं। अब स्वस्थ हैं। उन्होंने इंजेक्शन की पूरी डोज भी ले ली।
छुट्टी देने से पहले जांच रिपोर्ट आई पॉजिटिव
छुट्टी देने से पहले जब सोमवार को जांच की गई तो कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। इससे डॉक्टर भी सन्न रह गए। महज दो माह में दो बार कोरोना कैसे हो सकता है। क्योंकि एक बार कोरोना होने के बाद अमूमन तीन महीने तक एंटीबाडी शरीर में रहती है। इस अवधि में कोरोना होना डॉक्टरों के लिए भी चिंता का विषय बन गया। डाक्ट के साथ मरीज भी सन्न रह गया। इसके बाद अरविंद को कोरोना वार्ड में शिफ्ट करा दिया। लेकिन उस वार्ड में भर्ती होते ही मरीज की हालत बिगड़ गई। कई तकलीफें बढ़ गईं।
डाक्टर व कर्मी की होगी काेरोना जांच
अस्पताल प्रशासन के लिए चिंता की बात यह हो गई कि ब्लैक फंगस वार्ड में अरविंद समेत नौ मरीज भर्ती हैं। अरविंद में कोरोना संक्रमण के बाद अब उन सबकी जांच कराई जाएगी। साथ ही उस वार्ड के 12 वार्ड बॉय, चार स्वीपर, 18 डाक्टर और करीब 35 स्वास्थ्यकर्मी में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। पीएमसीएच में कोरोना के नोडल पदाधिकारी डॉ अरुण अजय ने बताया कि रोगी की हालत काफी ठीक थी। लेकिन उनके स्वजन बिना डॉक्टर की स्वीकृति के उसे ले गए हैं। आज शाम में आरटीपीसीआर रिपोर्ट आनी है। उसके बाद आगे का निर्णय होगा।