बिहारः कोरोना वैक्सीन लेने के बाद छोटी सी गलती से काटना पड़ सकता है सिविल सर्जन कार्यालय का चक्कर
कोरोना की तीसरी लहर के पहले सभी को वैक्सीन की सुरक्षा मुहैया कराने का कार्य चल रहा है। किसी भी केंद्र पर 15 मिनट में आपको वैक्सीन की डोज मिल जाएगी लेकिन यदि आपने उसी समय फोन पर मैसेज चेक नहीं किया तो प्रमाणपत्र के लिए भटकना तय है।
जागरण संवाददाता, पटना : कोरोना की तीसरी लहर के पहले सभी को वैक्सीन की सुरक्षा मुहैया कराने का कार्य तेजी से चल रहा है। किसी भी केंद्र पर दस से 15 मिनट में आपको वैक्सीन की डोज मिल जाएगी, लेकिन यदि आपने उसी समय फोन पर मैसेज चेक नहीं किया तो प्रमाणपत्र के लिए भटकना तय है। आपकी ये छोटी सी लापरवाही आपको टीकाकरण केंद्र और सिविल सर्जन कार्यालय के चक्कर काटने को मजबूर कर सकती है। यही नहीं चक्कर काटने के बावजूद आपको प्रमाणपत्र नहीं मिल पाएगा क्योंकि टीकाकरण केंद्र सुधार के लिए जरूरी वह पत्र लिख कर नहीं देगा कि आपने यहां इस तिथि को वैक्सीन की पहली या दूसरी डोज ली है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. एसपी विनायक से फोन व कार्यालय जाने पर भी इसके समाधान का निष्कर्ष नहीं मिल सका।
क्या है मामला
कोरोना टीकाकरण के लिए उमड़ने वाली भीड़ में से अधिकतर लोगों को नहीं पता है कि रजिस्ट्रेशन या वैक्सीन लेने के तुरंत बाद यदि उनके मोबाइल बधाई संदेश नहीं आता है तो वे अपना प्रमाणपत्र डाउनलोड नहीं कर सकेंगे। ऐसे करीब 40 फीसद लोग हैं जो टीकाकरण करा लेते हैं लेकिन उनके फोन पर मैसेज नहीं आता है। इसके बाद जब वे प्रमाणपत्र डाउनलोड नहीं कर पाते हैं तो टीकाकरण केंद्र आकर आपरेटर से गुहार लगाते हैं। वहां से लोगों को सिविल सर्जन कार्यालय में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी से मिलने की सलाह दी जाती है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी के कार्यालय में टीकाकरण केंद्र से इस बाबत पत्र की मांग की जाती है कि उनका टीकाकरण अमुक तिथि को किया गया था। इसे लेकर हर दिन सैकड़ों लोग भटकने को विवश हैं। बता दें कि बिहार में कोरोना के मामले कम हो रहे हैं। इस बीच सरकार ने वैक्सीनेशन पर जोर बना लिया है। राज्य में बड़ी संख्या में लोग कोरोना वैक्सीन ले चुके हैं।