तेजस्वी को राहत मिलते ही चुनावी मोड में राजद, सत्ता के खिलाफ बड़े आंदोलन की तैयारी
तेजस्वी यादव को रेलवे टेंडर घोटाला मामले में जमानत मिलने के बाद राजद एक बार फिर चुनावी मोड में आ गया है। पार्टी एक बार फिर से सत्ता पक्ष को आक्रामक जवाब दने की तैयारी कर रहा है।
पटना [राज्य ब्यूरो]। रेलवे टेंडर घोटाले में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी को जमानत मिलते ही पार्टी चुनावी मोड में आ गई है। महागठबंधन में सीटों के बंटवारे पर भी बात बढऩे वाली है। तेजस्वी को दिल्ली से मंगलवार को पटना आना है, जिसके बाद पार्टी गतिविधियां बढ़ेंगी।
चालू वर्ष में राजद ऐसा पहला बड़ा आंदोलन करने जा रहा है, जिसमें छोटे से बड़े स्तर के कार्यकर्ताओं की सीधी भागीदारी होगी। इसके लिए पांच लाख सत्याग्रही तैयार किए जा रहे हैं। कार्यक्रम इसी महीने से शुरू होकर जनवरी तक चलेगा। केंद्र और राज्य की सत्ता के खिलाफ आम लोगों की बड़ी गोलबंदी की रणनीति तैयार कर ली गई है।
इसी महीने प्रखंड स्तर पर संघर्ष समितियों का गठन कर लिया जाएगा। नवंबर तक गांवों में भी समितियों का गठन करना है। इसके बाद बेरोजगारी और सांप्रदायिक सदभाव के मुद्दे पर कई चरणों में जन जागरूकता अभियान चलेगा।
आक्रामक होगी शुरुआत
लालू की अनुपस्थिति में राजद की आंदोलनात्मक ताकत सुस्त पड़ गई है। हालांकि नेता प्रतिपक्ष के रूप में तेजस्वी यादव ने कोशिश जरूर की है, लेकिन कुछ यात्राएं, एक-दो जनसभाओं और बयानबाजी के अतिरिक्त वह ऐसा कुछ नहीं कर पाए, जिससे पार्टी के कार्यक्रमों की निचले स्तर पर पहुंच बन सके।
पिछले महीने तेजस्वी ने गया से पटना तक साइकिल यात्रा की शुरुआत की थी, जिसे बरसात के कारण इसे बीच रास्ते में ही रोकना पड़ गया था। अब दूसरी जनसंपर्क यात्रा पर भी विचार किया जा रहा है।
अन्य नेता भी करेंगे शिरकत
राजद के पुराने और वरिष्ठ नेता भी पवेलियन से निकलने वाले हैं। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह के नेतृत्व में प्रखंड, पंचायत और गांव स्तर के कार्यकर्ताओं को साथ लेकर सत्ता के खिलाफ लड़ाई की तैयारी कर ली गई है। रघुवंश के मुताबिक वादा खिलाफी, धोखाधड़ी और जुमलेबाजी से जनता की मुराद पूरी नहीं होगी। आरपार करना होगा।