बिहार: पुलिस की आंख में मिर्ची झोंक शूटर को मारी गोली, मचा बवाल
दरभंगा में दो इंजीनियर्स के मर्डर मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे कुख्यात संतोष झा के शूटर की आज अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद पुलिस महकमे में खलबली मच गई है।
दरभंगा [जेएनएन]। पूर्वी चंपारण के ढाका में दरभंगा दोहरे इंजीनियर हत्याकांड के सजायाफ्ता अभिषेक झा की हत्या होने से पुलिस महकमे में खलबली मच गई है। दरभंगा कोर्ट एवं मंडल कारा की सुरक्षा सख्त कर दी गई है। बताया जाता है कि उनके कई समर्थक बंदी अभी दरभंगा मंडल कारा में बंद है। जो उनके गिरोह के लिए काम करते हैं।
हालांकि, दोहरे इंजीनियर हत्याकांड मामले में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के संस्थापक गैंगस्टर संतोष झा सहित दस सजायाफ्ता कैदियों में फिलहाल दरभंगा मंडल कारा में कोई नहीं है। सुरक्षा के कारण सभी को मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी जेल भेज दिया गया।
संतोष झा गिरोह में शिवहर के डुमरी गांव निवासी अभिषेक झा मुख्य चार शूटरों में एक था। बता दें कि समस्तीपुर वाया बहेड़ी दरभंगा को जोड़ने वाली वरुणा पुल-रसियारी घाट सड़क की निर्माण एजेंसी बीएससी/सी एंड सी कंपनी से पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने 75 करोड़ रुपये रंगदारी की मांग की थी।
रुपये नहीं मिलने पर 26 दिसंबर 2015 को दरभंगा के बहेड़ी थानाक्षेत्र के शिवराम गांव मध्य विद्यालय के पास बाइक सवार चार अपराधियों ने एके-56 से कंपनी के अभियंता मुकेश कुमार और ब्रजेश कुमार की हत्या कर दी थी। गोली चलाने वाले चार शूटरों में से एक अभिषेक झा भी शामिल था। इसके अलावा गोली चलाने वालों में मुकेश पाठक,विकास झा, निकेश दुबे शामिल था। ट्रायल के दौरान वादी ने इन लोगों की पहचान की।
कांटी के रामनाथ धमौली से हुई थी अभिषेक की गिरफ्तारी
अभिषेक की गिरफ्तारी मुजफ्फरपुर जिले के कांटी थाना क्षेत्र के रामनाथ धमौली गांव से की गई थी। उस पर वहां भी हत्या की प्राथमिकी दर्ज पाई गई। जिसमें वह फरार था। इसके अलावा अनुसंधान में वह मुकेश पाठक को जेल से भगाने सहित ढाका, शिवहर, सीतामढ़ी आदि कई जगहों पर हुई हत्या मामले में आरोपित था। इस गिरोह के बदमाशों को पहली बार दरभंगा कोर्ट से सजा मिली।
26 फरवरी 2018 को दरभंगा पंचम अपर सत्र न्यायाधीश रुपेश देव की अदालत ने कुख्यात संतोष झा, मुकेश पाठक सहित दस आरोपितों को दोषी ठहराया। जबकि, साक्ष्य के अभाव में चार आरोपितों को रिहा कर दिया गया। इसमें ऋषि झा, सुबोध दुबे, अंचल झा और टुन्ना झा शामिल थे। 7 मार्च को कोर्ट कुख्यात संतोष झा, मुकेश पाठक सहित दस आरोपितों को आजीवन उम्र कैद की सजा सुनाई।
दरभंगा के इतिहास में पहली बार वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सजा सुनाई गई थी इसमें कुख्यात मुकेश पाठक, विकास झा उर्फ कालिया, अभिषेक झा एवं निकेश दुबे को भादवि की धारा 302/109 में आजीवन कारावास और बीस-बीस हजार अर्थदंड, धारा 387/109 में सात वर्ष एवं 15 हजार रुपये अर्थदंड व 120(बी) में आजीवन कारावास के साथ बीस-बीस हजार रुपये का जुर्माना तथा आर्म्स एक्ट की धारा 27(2) में दस वर्ष व 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई।
अर्थदंड नहीं देने पर छह माह से एक वर्ष की अतिरिक्त सजा दी गई। दोषी पाए गए पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के संस्थापक गैंगस्टर संतोष झा को भादवि की धारा 302 में आजीवन कारावास और बीस हजार रुपये अर्थदंड, 387/109 में सात वर्ष और 15 हजार, 20(बी) में आजीवन सश्रम कारावास और बीस हजार रुपये अर्थदंड की सजी गई।
वहीं संजय लाल देव को धारा 302 में आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये धारा, 387 में सात वर्ष व 15 हजार और 120(बी) में आजीवन और 20 हजार रुपये की सजा दी गई है। अर्थदंड नही देने पर क्रमशः एक-एक वर्ष और छः माह अतिरिक्त सजा दी जाएगी।
वहीं पिंटू लाल देव, मुन्नी देवी, पिंटू तिवारी एवं पिंटू झा को धारा 302/109 में आजीवन कारावास और 15 हजार, धारा 386/109 में एक वर्ष व धारा 387 में पांच वर्ष और 10 हजार व 120(बी) में आजीवन कारावास के साथ 15 हजार रुपये अर्थदंड की सजा दी गई।