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बिहार: नक्सली हमले के बाद जहां-तहां रुकी रहीं ट्रेनें, रेल परिचालन घंटों बाधित

नक्सलियों के बिहार-झारखंड बंद का असर ट्रेनों के आवागमन पर भी पड़ा। जगह-जगह ट्रेन परिचालन प्रभावित रहा।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 20 Dec 2017 12:12 PM (IST)Updated: Wed, 20 Dec 2017 11:28 PM (IST)
बिहार: नक्सली हमले के बाद जहां-तहां रुकी रहीं ट्रेनें, रेल परिचालन घंटों बाधित
बिहार: नक्सली हमले के बाद जहां-तहां रुकी रहीं ट्रेनें, रेल परिचालन घंटों बाधित

पटना [जेएनएन]। प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) ने बिहार-झारखंड बंद को लेकर मंगलवार को आधी रात को जमकर तांडव मचाया। उनकी धमकी की वजह से बुधवार पूरे दिन रेल परिचालन बंद रहा। शाम छह बजे के बाद कड़ी सुरक्षा में ट्रेन चलनी शुरू हुई।

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इसके पूर्व मंगलवार आधी रात किऊल-भागलपुर रेलखंड पर अभयपुर और धरहरा रेलवे स्टेशन के बीच मसूदन हॉल्ट रेलवे स्टेशन पर हमला बोलकर सहायक स्टेशन मास्टर मुकेश कुमार पासवान और पोर्टर निरेंद्र  मंडल को अगवा कर लिया। नक्सलियों ने मसूदन रेलवे स्टेशन के सिग्नल केबिन को विस्फोट से उड़ा दिया। मंगलवार की देर रात से ट्रेनों का परिचालन बाधित रहा।

नक्सलियों ने रेल प्रशासन को यह भी धमकी दी कि यदि उन्होंने इस रेलखंड पर ट्रेनों को परिचालन शुरू किया तो रेलवे के दोनों अगवा कर्मियों को मौत के घाट उतार दिया जाएगा। हालांकि बुधवार की देर शाम उन्होंने अगवा दोनों रेलकर्मियों को मुक्त कर दिया। राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) एसके सिंघल ने इसकी पुष्टि की है। बुधवार की शाम परिचालन शुरू हो पाया।
कैंप करते रहे बड़े अधिकारी
एडीजी सिंघल ने कहा कि आइजी (ऑपरेशन) कुंदन कृष्णन और आइजी (रेल) अमित कुमार पूरे दल-बल के साथ कैंप कर रहे हैं। पूरे इलाके की घेराबंदी कर कॉंबिंग ऑपरेशन चलाया जा रहा है। कॉंबिंग ऑपरेशन में सीआरपीएफ, कोबरा बटालियन, एसटीएफ और जिला पुलिस बल को लगाया गया है।
मंगलवार रात किया था हमला
मंगलवार की रात करीब 11.30 बजे मसूदन रेलवे स्टेशन पर नक्सलियों ने हमला किया। 25 नक्सलियों ने पैनल एवं यातायात कंट्रोल उपकरणों को आग के हवाले कर दिया। इस दस्ते में कई महिलाएं भी शामिल थीं। इस बीच गया-जमालपुर सवारी गाड़ी के पहुंचने पर उसे रोक दिया गया एवं सहायक स्टेशन मास्टर मुकेश कुमार पासवान तथा पोर्टर निरेंद्र मंडल को अगवा कर दोनों को अपने साथ जंगल में ले गए। बुधवार शाम चार बजे के करीब दोनों अगवा रेलकर्मियों को मुंगेर धरहरा में मुक्त किया गया।
स्टेशन रहा नक्सलियों के कब्जे में
मसूदन स्टेशन के एक रेलकर्मी के अनुसार मंगलवार की रात करीब 11.30 बजे गया-जमालपुर ट्रेन के मसूदन रेलवे स्टेशन पर पहुंचते ही नक्सलियों ने स्टेशन के मुख्य भवन को कब्जे में ले लिया। इसके बाद पैनल और यातायात उपकरणों में आग लगा दी। करीब घंटे भर से ज्यादा समय तक वहां उत्पात करने के बाद नक्सली एएसएम मुकेश पासवान और पोर्टर निरेंद्र मंडल को अपने साथ पहाड़ी की तरफ ले गए। रात में जमालपुर से आरपीएफ की कमांडो टीम व लखीसराय के एएसपी पवन कुमार उपाध्याय के नेतृत्व में सीआरपीएफ, एसटीएफ व कोबरा बटालियन ने वहां पहुंचकर आग बुझाई।
नक्सलियों की धमकी से बंद रहा परिचालन
लखीसराय, मुंगेर एवं जमालपुर से पुलिस पदाधिकारियों एवं रेलवे के तकनीकी दल के मसूदन पहुंचने के बाद गया-जमालपुर पैसेंजर को सुबह 5.30 बजे जमालपुर के लिए रवाना किया गया। साथ ही विभिन्न स्टेशनों पर खड़ी अन्य ट्रेनों को अगले स्टेशन के लिए रवाना किया गया। ट्रेनों का परिचालन शुरू होते ही अगवा एएसएम के मोबाइल से कंट्रोल के असिस्टेंट ऑपरेङ्क्षटग मैनेजर को नक्सलियों ने फोन करके परिचालन बंद रखने की धमकी की। उन्होंने धमकाया कि यदि रेल परिचालन बंद नहीं किया गया तो दोनों अगवा रेलकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया जाएगा। इसके बाद रेल अधिकारियों ने सुबह सात बजे से रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन रोक दिया। शाम साढ़े पांच बजे जमालपुर-किऊल रेलखंड पर पेट्रोलिंग ट्रेन भी चलाई गई। जांच पड़ताल के बाद जमालपुर से शाम साढ़े सात बजे पैसेंजर ट्रेन चलाई गई। अधिकारियों ने उम्मीद जताई कि गुरुवार तक ट्रेन सेवा सामान्य हो जाएगी।


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