मांझी के बाद अब कांग्रेस बोली, हड़ताली डॉक्टरों की मांगें जायज, मुख्यमंत्री करें हस्तक्षेप
कांग्रेस ने हड़ताली डॉक्टरों का समर्थन किया। अस्पतालों में चरमराई स्वास्थ्य सेवाओं के लिए स्वास्थ्य विभाग को जिम्मेदार ठहराया। कांग्रेस ने कहा- मोदी सरकार के शासनकाल में जिस तरह से महंगाई बढ़ी है उस हिसाब से डॉक्टरों को उचित स्टाइपेंड मिलना चाहिए।
पटना, राज्य ब्यूरो । बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी के बाद अब बिहार कांग्रेस भी हड़ताली पीजी डॉक्टरों के समर्थन में खड़े हो गई है। कांग्रेस ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील की है वह डॉक्टरों की हड़ताल पर संज्ञान ले और उनकी सभी जायज मांगे पूरी करें।
चरमरा रही स्वास्थ्य व्यवस्था
बिहार कांग्रेस अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा, प्रदेश प्रवक्ता हरखू झा के साथ ही राजेश राठौर ने मंगलवार, 29 दिसंबर को कहा कि बिहार की विधि-व्यवस्था पहले ही चौपट हो चुकी है। राज्य के पीजी डॉक्टर अपने स्टाइपेंड में बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर पिछले सात दिनों से हड़ताल पर हैं, जिस वजह से स्वास्थ्य व्यवस्था भी चरमरा चुकी है। राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को इलाज के लिए काफी संकट का सामना करना पड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के तुगलकी फरमान की वजह से स्थिति और भी बिगड़ रही है।
महंगाई के हिसाब से डॉक्टरों की मांग जायज
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार के शासनकाल में जिस तरह से महंगाई बढ़ी है उस लिहाज से डॉक्टरों की मांग जायज है। दिल्ली सहित कई राज्यों में डॉक्टरों को सम्मनजनक स्टाइपेंड दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं अपनी टीम से पड़ोसी राज्यों की मांग का अध्ययन करा लें और पीजी डॉक्टरों को उनकी मांग के अनुरूप स्टाइपेंड स्वीकृत कर हड़ताल समाप्त कराये। ताकि मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज की सुविधा मिल सके। नेताओं ने कहा कि राज्य सरकार को यह नहीं भूलना चाहिए कि ये वही डॉक्टर हैं जिन्हें कोरोना काल मे सरकार फ्रंटलाइन वारियर्स कह कर सम्मानित कर रही थी।