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वॉट्सएेप पर पत्नी को पति का फोटो दिखा कर दिया दाह-संस्कार, जानिए क्या थी वजह

अमृतसर ट्रेन हादसे में बिहार के गोपालगंज जिले के मृतक राजेश भगत का शव पैसे के अभाव में उसके घर नहीं भेजा गया। उसकी पत्नी को वॉट्सएेप पर तस्वीर दिखा अंतिम संस्कार कर दिया गया।

By Kajal KumariEdited By: Published: Mon, 22 Oct 2018 02:55 PM (IST)Updated: Mon, 22 Oct 2018 02:55 PM (IST)
वॉट्सएेप पर पत्नी को पति का फोटो दिखा कर दिया दाह-संस्कार, जानिए क्या थी वजह
वॉट्सएेप पर पत्नी को पति का फोटो दिखा कर दिया दाह-संस्कार, जानिए क्या थी वजह

पटना [जेएनएन]। पंजाब के अमृतसर में विजयादशमी के दिन रावण वध के दौरान के हुए ट्रेन हादसे में मारे गये बिहार के मजदूरों का शव को उनके घर नहीं भेजे जाने के कारण परिजनों में एक ओर जहां आक्रोश है वहीं इन मजदूरों के घर में मातम छाया हुआ है। घर की स्थिति दयनीय है। 

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गोपालगंज बरौली के सलोना निवासी राजेश भगत की भी मौत इस रेल हादसे के दौरान हो गई थी। रावण दहन देखने वाली भीड़ में वह भी शामिल था और ट्रेन हादसे में उसकी मौत हो गई थी। राजेश के परिजनों ने पंजाब सरकार पर उसका शव घर नहीं भेजे जाने का आरोप लगाया है।

मृत राजेश भगत के भाई भूलन भगत ने कहा कि अमृतसर जाने के लिए हमारे पास पैसे नहीं थे, वहां एंबुलेंस वाले शव घर पहुंचाने के लिए 40 हजार रुपये मांग रहे थे। ऐसी परिस्थिति में राजेश का शव घर नहीं लाया जा सका और रिश्तेदारों ने वहीं अमृतसर में ही उसका दाह-संस्कार कर दिया। ।  

राजेश के परिजनों ने बताया कि हादसे के बाद शव को देखने का भी मौका नहीं मिल सका। राजेश की पत्नी शारदा देवी को वॉट्सएेप  पर तस्वीर भेजकर रिश्तेदारों ने दाह-संस्कार करा दिया। दाह-संस्कार में शामिल होने के लिए सलोना गांव से कोई नहीं पहुंचा था। अपने पति के अंतिम दर्शन के लिए व्याकुल पत्नी शारदा देवी फूट-फूटकर रो रही थीं।

उधर, हादसे के बाद तीसरे दिन भी राजेश के घर में चूल्हा नहीं जल सका। मृतक के भाई ने कहा कि परिवार की हालत इतनी दयनीय है कि बच्चों का पालन-पोषण और पढ़ाने के लिए पैसे तक नहीं है। मजदूरी करके राजेश पूरा परिवार चलाता था। राजेश के दो छोटे बच्चे हैं। मां-बाप की मौत के बाद परिवार में इकलौता कमाऊ सदस्य राजेश भगत ही था, जो अमृतसर की सूता फैक्टरी में मजदूरी करता था।

राजेश की पत्नी शारदा देवी आठ माह की गर्भवती है और पति की मौत की खबर ने उसे सदमे में डाल दिया है।महिला की हालत को देख स्थानीय मुखियापति राकेश साह ने उसे बरौली पीएचसी में भर्ती कराया है। चिकित्सा प्रभारी पदाधिकारी डॉ त्रिभुवन नाथ सिंह ने बताया कि महिला की हालत गंभीर है। वह दो दिनों से भोजन नहीं करने और अचानक हादसे की खबर मिलने से बीमार है।

वहीं, स्थानीय थाना क्षेत्र के मुजौना गांव के चंद्रिका यादव का भी शव अमृतसर से घर नहीं पहुंच सका। हादसे के बाद चंद्रिका के बेटे ने अमृतसर में ही दाह-संस्कार किया। उधर, पति की मौत के बाद अंतिम दर्शन नहीं होने पर लाइची देवी की हालत रविवार को बिगड़ गयी।

डॉक्टरों ने इलाज के बाद महिला की स्थिति सामान्य बतायी है। लाइची देवी ने बताया कि चंद्रिका यादव ने पुत्री सुगीता कुमारी की शादी के लिए छठपूजा में ही आने के लिए कहा था। रेल हादसे ने परिवार की सारी खुशियां छीन लीं। त्योहार में खुशियों की जगह घर में मातम पसरा है।


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