Move to Jagran APP

पटना एयरपोर्ट पर एडीएस-बी से कंट्रोल होंगी उड़ानें

पटना । स्थानीय जयप्रकाश नारायण एयरपोर्ट को आधुनिक बनाने के क्रम में कई आधुनिक उपकरण्

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Sep 2017 03:04 AM (IST)Updated: Fri, 08 Sep 2017 03:04 AM (IST)
पटना एयरपोर्ट पर एडीएस-बी से कंट्रोल होंगी उड़ानें
पटना एयरपोर्ट पर एडीएस-बी से कंट्रोल होंगी उड़ानें

पटना । स्थानीय जयप्रकाश नारायण एयरपोर्ट को आधुनिक बनाने के क्रम में कई आधुनिक उपकरण स्थापित किए जा रहे हैं। वर्तमान में रडार की कमी के कारण उड़ानों को नियंत्रित करने में काफी परेशानी होती है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ने यहां रडार के विकल्प के रूप में एडीएस-बी (आटोमेटिक डिपेंडेंट सर्विलांस-ब्रॉडकास्ट) प्रणाली स्थापित करने की अनुमति दे दी है। इसकी खासियत है कि यह काफी दूर से हवा में विमान को अपने कंट्रोल में ले लेगा। उसे दिशानिर्देश देगा। अगर रनवे खाली नहीं है तो काफी पहले ही पायलट को इसकी सूचना दे दी जाएगी ताकि वे अपनी स्पीड कम कर लें। वर्तमान में पटना एयरपोर्ट पर रेडियल नेविगेशन सिस्टम से विमान को नियंत्रित किया जा रहा है।

loksabha election banner

क्या है एडीएस-बी सिस्टम?

एडीएस-बी (आटोमेटिक डिपेंडेंट सर्विलांस-ब्रॉडकास्ट) सिस्टम को रडार का विकल्प माना गया है। यह प्रणाली रडार से काफी आधुनिक व सस्ती है। एडीएस-बी हर परिस्थिति में फ्लाइट पर नजर रखता है। रडार में ऐसा संभव नहीं है। रडार ग्राउंड बेस्ड उपकरण है जो इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव पर कार्य करता है। यह वेव मेटलिक ऑब्जेक्ट से टकराकर विमान की फ्रीक्वेंसी की जानकारी उपलब्ध कराता है।

पहली बार पटना में लगेगा एडीएस-बी :

पटना एडीएस-बी से काम करने वाला पहला एयरपोर्ट होगा। रडार की वेव रनवे ग्राउंड से घूमकर वापस आती है। इससे अधिक समय लगता है। एडीएस-बी सीधे लक्ष्य को टारगेट करता है। इसके कारण फ्लाइट की हर सेकेंड की जानकारी बड़ी आसानी से मिलती रहती है। एडीएस-बी से फ्लाइट को सीधे दिशनिर्देश दिया जा सकता है। इससे समय की काफी बचत होती है।

कोहरे व बादल की भी दी जाएगी सूचना :

अगर विमान के रास्ते में घना कोहरा या बादल आ जाता है तो इस सिस्टम से पायलट को काफी पहले ही सूचित कर दिया जाता है। इससे वे विमान की ऊंचाई आवश्यकतानुसार घटा-बढ़ा सकेंगे।

-----------

'एडीएस-बी सिस्टम रडार से बेहतर काम करता है। इसकी कीमत कम है। यह ग्राउंड से लेकर हवा तक में विमान पर नियंत्रण बनाए रखता है। इस तकनीक से दो विमानों के परिचालन समय में कमी आएगी। विमान परिचालन के समय में भी बचत होगी। सुरक्षा के ख्याल से भी यह बेहतर तकनीक है।'

- राजेंद्र सिंह लाहोरिया, निदेशक, पटना हवाईअड्डा

-------------


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.