पारसनाथ कुशवाहा महाविद्यालय में बिना मान्यता लिया नामांकन
प्रखंड क्षेत्र के अछुआ गाव स्थित पारसनाथ कुशवाहा महाविद्यालय में बिना मान्यता के नामांकन ले लिया गया।
दुल्हिन बाजार। प्रखंड क्षेत्र के अछुआ गाव स्थित पारसनाथ कुशवाहा महाविद्यालय में बिना मान्यता के नामाकन करने व कॉलेज के 11 लाख रुपये की हेराफेरी का मामला सामने आया है। आरोप की गंभीरता को देखते हुए 15 दिनों पहले ही कॉलेज के सचिव ने प्राचार्य के वित्तिय सहित प्रशासनिक पावर रद्द कर दिया है। इसको लेकर सचिव व प्राचार्य के अलग-अलग गुटों ने कॉलेज में हंगामा किया।
प्रखंड क्षेत्र के अछुआ गाव स्थित पीएनके कॉलेज के कर्मचारी व प्रोफेसर दो गुटों में बंटकर कॉलेज को बर्बाद करने पर तुले हैं। इसकी वजह से इंटर व स्नातक के सैकड़ों छात्रों का फॉर्म, एडमिशन व अन्य काम में परेशानी हो रही हैं। ज्ञात हो कि इलाके में यह स्नातक स्तर का इकलौता कॉलेज है, जहां राज्य सरकार की ओर से सिर्फ स्नातक में साइंस के विद्यार्थी का नामांकन करने की ही मान्यता है। आरोप है कि प्राचार्य जितेंद्र प्रसाद ने कॉलेज के नियम से हटकर 400 से अधिक आर्ट्स व कॉमर्स के विद्यार्थी का भी नामाकन कर लिया। इससे कॉलेज को लगभग 11 लाख रुपये मिले। इधर, आर्ट्स व कॉमर्स के विद्यार्थियों का परीक्षा प्रवेश पत्र नहीं आया। बराबर छात्र हंगामा कर रहे हैं। इसी मुद्दे पर कॉलेज में शुक्रवार को एक बैठक भी हुई, पर आपसी नोकझोंक की वजह से इसमें कुछ भी तय नहीं हो सका। कॉलेज सचिव ने दूसरे को सौंपा प्रभार
शिकायत के बाद कॉलेज सचिव मनोरमा देवी ने प्राचार्य जितेंद्र प्रसाद से वित्तीय व प्रशासनिक पावर छीन लिया। मनोरमा देवी ने बताया कि प्राचार्य बिना सूचना व मान्यता के बच्चों का नामाकन कर कॉलेज में अस्थिरता पैदा करना चाह रहे हैं। उन्होंने कॉलेज के11 लाख रुपये की भी हेराफेरी भी की है। उन्होंने बताया कि प्रो. सहजानंद को तत्काल व प्रशासनिक व वित्तीय अधिकार सौंपा गया है। खबर लिखे जाने तक प्राचार्य जितेंद्र प्रसाद को कई बार फोन किया गया, पर वे फोन रिसीव नहीं कर पाए हैं।