बिहार में विधि-व्यवस्था दुरुस्त, आपराधिक घटनाओं में आई कमी: ADG
एडीजी एसके सिंघल ने आज बिहार की विधि व्यवस्था का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए बताया कि राज्य में आपराधिक और नक्सली घटनाओंं में कमी आई है।
पटना [जेएनएन]। बिहार में आपराधिक और नक्सली घटनाओं में कमी आई है। अपराध के कुल 13 सूचकांकों में महज तीन सूचकांकों में मामूली वृद्धि हुई है। दस सूचकांकों में स्थिति बेहतर हुई है। पुलिस मुख्यालय के दावे के अनुसार बिहार नक्सली घटनाओं पर अंकुश लगाने वाला देश का पांचवां अग्रणी राज्य बन गया है।
विधि-व्यवस्था पर एक वर्ष का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए एडीजी पुलिस मुख्यालय एसके सिंघल ने कहा कि जुलाई-अगस्त 2017 की तुलना में 2018 अगस्त तक आपराधिक घटनाओं में कमी आई है। कार्यालय कक्ष में पत्रकारों से बातचीत में सिंघल ने कहा कि एक ओर जहां पुलिस ने बड़ी संख्या में हथियार बरामद किया है, वहीं 1.77 लाख आरोपितों की गिरफ्तारी की गई।
इन गिरफ्तारियों में से 14 हजार गिरफ्तारी केवल एससी/एसटी एक्ट, महिला उत्पीडऩ और अन्य अपराधों में हुई है। पुलिस मुख्यालय ने लापरवाह और भ्रष्ट पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की है। 369 पुलिसकर्मियों पर भ्रष्टाचार को लेकर कार्रवाई की गई इसमें 41 पुलिसकर्मियों बर्खास्त किया गया है।
लखीसराय में नक्सलियों द्वारा एक महिला की हत्या किए जाने पर एक सवाल के जवाब में सिंघल ने कहा कि एंटी नक्सल अभियान के तहत नक्सलियों पर अंकुश लगाने वाला बिहार देश का पांचवां अग्रणी राज्य बन गया है।
इस साल नक्सल वारदात के 25 मामले सामने आए हैं, जबकि 2017 में ऐसे मामलों की संख्या में 71 थी। इसी तरह प्रशासनिक कार्रवाई में विभिन्न मामलों में 262 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बड़ी संख्या में हथियार भी बरामद किए हैं।
3630 अपराधी दोषी करार
सिंघल ने कहा कि इस साल जनवरी से जुलाई तक 3630 अपराधी दोषी करार दिए गए हैं। अपराधियों की कोर्ट के स्तर पर सजा भी तय हुई है। कई संगीन मामलों में स्पीडी ट्रायल से सजा हो रही है।
विधि-व्यवस्था की समीक्षा स्थगित
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को राज्य की विधि-व्यवस्था की समीक्षा करने वाले थे। पुलिस मुख्यालय ने बताया कि अपरिहार्य कारणों से इस कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है।
थानों को मिलेगी गाडिय़ां, बढ़ेगा इंधन बजट : एडीजी
मुकम्मल गश्त और अपराधियों की धरपकड़ के लिए सभी थानों को दो गाडिय़ां मिलेगी। पुलिस मुख्यालय शीघ्र ही इसके लिए सरकार से आग्रह करेगा। थानों के मिलने वाला इंधन का बजट भी बढ़ेगा।
किन-किन मामलों में हुई वृद्धि
अपहरण, हत्या और बलात्कार के मामले में वृद्धि हुई है। 2017 में 20096 अपहरण के मामले दर्ज हुए थे, जबकि यह संख्या 2018 में बढ़कर 21709 हो गई है। इसी तरह हत्या के मामले में भी वृद्धि हुई है। 2017 में जहां 236 मामले दर्ज किए थे, वहीं यह संख्या बढ़कर 284 हो गई है। इसी तरह साधारण अपहरण के मामले में वृद्धि हुई है।
अपराध के इन मामलों में आई कमी
डकैती, लूट, चोरी/सेंधमारी, साधारण दंगे, एससी/एसटी के तहत होने वाले मुकदमे और महिला उत्पीडऩ के मामलों में कमी आई है।