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बिहार में मल्‍टी टोंड हॉर्न बजाने ही नहीं बेचने पर भी होगी कार्रवाई, ध्‍वनि प्रदूषण रोकने पर सरकार सख्‍त

बिहार में मल्टी टोंड और प्रेशर हॉर्न के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा। विधान परिषद में पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री नीरज कुमार सिंह उर्फ बबलू ने गुरुवार को यह घोषणा की। उन्होंने सदन को बताया कि अभी तक अब तक सिर्फ ऐसे हॉर्न लगाने पर प्रतिबंध है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Fri, 05 Mar 2021 11:27 AM (IST)Updated: Fri, 05 Mar 2021 11:57 AM (IST)
बिहार में मल्‍टी टोंड हॉर्न बजाने ही नहीं बेचने पर भी होगी कार्रवाई, ध्‍वनि प्रदूषण रोकने पर सरकार सख्‍त
मल्‍टी टोंड हॉर्न बजाया तो होगी कार्रवाई। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Government Desicion: बिहार में मल्टी टोंड और प्रेशर हॉर्न के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध (complete ban on multi toned and pressure horn in Bihar) लगाया जाएगा। बिहार विधान परिषद (Bihar Legislaltive Assembly) में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री नीरज कुमार सिंह उर्फ बबलू (Minister Niraj Kumar Singh Bablu) ने गुरुवार को यह घोषणा की। उन्होंने सदन को बताया कि अभी तक अब तक सिर्फ ऐसे हॉर्न लगाने पर प्रतिबंध है। लेकिन बेचने पर प्रतिबंध लगाने से कार्रवाई कारगर साबित होगी।

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ध्‍वनि प्रदूषण रोकने के लिए सरकार करेगी सख्‍ती

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री ने सदन को वीरेंद्र नारायण यादव (Veerendra Narayan Yadav) के तारांकित प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वाहनों में मल्टी टोंड हॉर्न से ध्वनि प्रदूषण होता है। मोटर वाहन नियमावली (Motor Vehicle Rules) में ऐसे हॉर्न पर प्रतिबंध है। कानून के अनुसार विभाग ने दूसरे सभी विभागों को पत्र दे दिया है। लेकिन अब बेचने पर भी प्रतिबंध लगाकर इस कार्रवाई को और कारगर किया जाएगा। सरकार इस मामले को लेकर सजग है। मंत्री ने स्वीकार किया कि अधिक तीव्रता की ध्वनि के लगातार संपर्क से मनुष्य का स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।

पटना की सड़कों पर आम है ध्‍वनि प्रदूषण की समस्‍या

पटना की सड़कों पर जाम और ध्‍वनि प्रदूषण की समस्‍या काफी गंभीर है। वाहन चालक बेवजह हॉर्न बजाने से भी बाज नहीं आते हैं। कई बार जाम में खड़े वाहन चालक लगातार हॉर्न बजाते हैं। प्रेशर हॉर्न लगाने का ट्रेंड स्‍कॉर्पियो और दूसरी एसयूवी में अधिक है। इन वाहनों का इस्‍तेमाल करने वालों में कई जनप्रतिनिधि भी शामिल हैं। खासकर पंचायत जन प्रतिनिधि अक्‍सर अपने वाहनों में प्रेशर हॉर्न का इस्‍तेमाल करते हैं।

कार्रवाई नहीं किए जाने से स्थिति हो रही गंभीर

प्रेशर हॉन के इस्‍तेमाल पर रोक तो जरूर है, लेकिन ऐसे मामलों में कार्रवाई शायद ही होती है। इसकी वजह से सरकार का नियम हाथी के दांत साबित हो रहा है। प्रशासन की लापरवाही से राज्‍य की राजधानी में भी नियम का उल्‍लंघन भी हर रोज और हर चौराहे पर होता है।


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