बिहार में NRC वाले BDO पर 24 घंटे में ही कार्रवाई, लेटर से सियासी गलियारे में मचा था बवाल
बिहार के पटना जिला स्थित मोकामा प्रखंड के बीडीओ को एनपीआर की जगह एनआरसी लिखना महंगा पड़ गया। उन्होंने तीन स्कूलों के नाम से जारी पत्र में एनपीआर की जगह एनआरसी लिख दिया था।
पटना, जेएनएन। बिहार के पटना जिला स्थित मोकामा प्रखंड के बीडीओ को एनपीआर की जगह एनआरसी लिखना महंगा पड़ गया। उन्होंने तीन स्कूलों के नाम से जारी पत्र में एनपीआर की जगह एनआरसी लिख दिया था। इस पर बिहार के राजनीतिक गलियारे में काफी बवाल मच गया था। शनिवार को आखिर कार्रवाई हो ही गई। पटना जिला स्थित मोकामा प्रखंड के बीडीओ सतीश कुमार पर ट्रांसफर के रूप में गाज गिरी है। उन्हें ग्रामीण विकास विभाग पटना में योगदान देने को कहा गया है। पंडारक प्रखंड की बीडीओ पूजा कुमारी काे मोकामा प्रखंड का प्रभार दिया गया है।
दरअसल, मोकामा प्रखंड के बीडीओ सतीश कुमार ने अपने प्रखंड के तीन स्कूलों के प्राचार्यों के के नाम से पत्र लिखा था। पत्र के माध्यम से बीडीओ ने एनआरसी के काम के लिए हर स्कूल से दो-दो शिक्षकों के नाम मांगे थे। यह पत्र प्रखंड कार्यालय से 28 जनवरी को जारी हुआ था। खास बात कि यह पुनर्प्रेषित पत्र था। इस पत्र में मरांची, मोर तथा रामपुर डुमरा स्कूल के प्राचार्यों को भेजा गया था।
पत्र में ताकीद की गई थी कि इसके पहले 18 जनवरी को पत्र भेजा गया था, किंतु 10 दिन बीत गए। इसके बाद भी आपलोगों ने संज्ञान नहीं लिया। पत्र में एनआरसी के लिए शिक्षकों का नाम नहीं भेजने वाले स्कूलों के प्राचार्य पर राजनीतिक दल से प्रेरित होने का आरोप भी लगाया गया था। पत्र में यह चेतावनी भी दी गई थी कि वे 24 घटे के अंदर शिक्षकों के नाम भेजें, अन्यथा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।
एनआरसी वाला बीडीअो का यह पत्र राजनीतिक गलियारे में भी पहुंच गया। उसके बाद राजद सुप्रीमो लालू यादव, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा, जाप के सरंक्षक पप्पू यादव ने ट्विटर और फेसबुक पर अपलोड कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ही कठघरे में खड़ा कर दिया। इसके बाद तो सरकार की फजीहत होने लगी। आखिरकार महज 24 घंटे में ही विभाग ने कार्रवाई करते हुए बीडीओ को हटा दिया। मोकामा बीडीओ को पटना में ग्रामीण विभाग में योगदान देने को कहा गया है। पंडारक की बीडीओ पूजा कुमारी को मोकामा प्रखंड का प्रभार दिया गया है।