Bihar Lok Sabha Election Phase IV Voting: अनंत सिह व ललन में कौन किसपर भारी, जानिए
Bihar Lok Sabha Election Phase IV Voting अनंत सिंह पत्नी नीलम देवी मुंगेर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी हैं। उनका मुकाबला जदयू के ललन सिंह से है। टक्कर कांटे की है। डालते हैं नजर।
By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 29 Apr 2019 11:10 AM (IST)Updated: Mon, 29 Apr 2019 09:56 PM (IST)
पटना [अमित अालोक]। बिहार में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में मुंगेर सीट खास बन गई है। इसी लोकसभा क्षेत्र के मोकामा के बाहुबली दबंग निर्दलीय विधायक अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी के मैदान में आने के कारण मुकाबला दिलचस्प हो गया है। इस करण मुंगेर पर सबों की नजर है। नीलम देवी के खिलाफ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के ललन सिंह खड़े हैं।
बाहुबलियों के कारण शुरू से चर्चा में मुंगेर
मुंगेर लोकसभा सीट इस बार बाहुबलियों के कारण शुरू से ही चर्चा में रही है। यहां की लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) सांसद व बाहुबली सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में सीट शेयरिंग के गणित में इस सीट से हाथ धोना पड़ा। हालांकि, वे अंत तक इसपर दावा करतीं रहीं। उधर, मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह ने जब यहां से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की बात कही तो महागठबंधन में कांग्रेस का प्रमुख सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ही विरोध पर उतर आया। अंतत: कांग्रेस ने अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को टिकट दिया।
सीएम नीतीश के करीबी मंत्री हैं ललन सिंह
मुंगेर में नीलम देवी के मुकाबले में खड़े राजग के जदयू प्रत्याशी राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह बिहार सरकार में मंत्री व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी हैं। गत लोकसभा चुनाव में लाेजपा की वीणा देवी ने ललन सिंह को एक लाख से अधिक वोटों से हराया था। उस चुनाव में जदयू राजग से अलग था।
वोटरों की गोलबंदी बना अहम फैक्टर
ललन सिंह व ललन सिंह दोनों एक ही जाति (भूमिहार) से हैं। अगर उनके स्वजातीय वोटों का विभाजन हुअा तो परिणाम अप्रत्याशित हो सकते हैं। यहां वोटरों की गोलबंदी अहम फैक्टर है।
दोनों गठबंधनों में भितरघात की आशंका
ललन सिंह को जदयू के आधार वोट के साथ भाजपा व लोजपा के वोट की भी उम्मीद है। लेकिन वीणा देवी को टिकट नहीं मिलने से असंतुष्ट लोजपा समर्थकों का एक वर्ग भितरघात भी कर सकता है। उधर, बाहुबली अनंत सिंह को यहां के मुस्लिम व यादव वोट मिल सकते हैं। हालांकि, मुंगेर में अनंत सिंह को टिकट दिए जाने का मुखर विरोध करते रहे राजद से भितरघात की भी आशंका है।
लोकसभा क्षेत्र में विधानसभाओं का संतुलन
मुंगेर लोकसभा क्षेत्र की खास बात यह है कि यहां विधानसभा क्षेत्रों का संतुलन है। मुंगेर और सूर्यगढ़ा विधानसभा क्षेत्रों पर राजद काबिज है तो बाढ़ और लखीसराय में भाजपा विधाक हैं। जमालपुर में जदयू विधायक हैं तो मोकामा में अनंत सिंह।
विघानसभाओं पर नजर डालें तो नीलम देवी व ललन सिंह के आधार क्षेत्र बराबर हैं। नीलम देवी अपने पति अनंत सिंह के विधानसभा क्षेत्र सहित राजद विधायकों वाले मुंगेर व सूर्यगढ़ा में मजबूत पड़ सकती हैं। जबकि, राजग के कब्जे वाले बाढ़, लखीसराय व जमालपुर में ललन सिंह भारी पड़ सकते हैं।
वोट ट्रांसफर बना बड़ा सवाल
विधान सभाओं के संतुलन की बात के साथ यह भी नहीं भूलना चाहिए कि बीते विधानसभा चुनाव में जदयू व राजद साथ थे, इसलिए जमालपुर में जदयू काे राजद के वोट भी मिले होंगे। इसी तरह अनंत सिंह का मुखर विरोध करते रहे राजद के कितने वोट उनकी पत्नी को ट्रांसफर होंगे,यह भी देखने वाली बात होगी।
वोटरों ने किया फैसला, कौन किसपर भारी
बहरहाल, मुंगेर के मैदान में भले ही 19 प्रत्याशी हैं, लेकिन मुकाबला ललन व नीलम में ही होता दिख रहा है। इनमें कौन किसपर भारी है, इसका फैसला सोमवार को यहां के 18.94 लाख वोटरों ने कर दिया। अब इसका परिणम मतगणना के दिन जो भी निकले, इतना तो साफ है कि लड़ाई कांटे की है।
वर्ष 2014 का चुनाव परिणाम, एक नजर
- वीणा देवी (लोजपा): 352911 वोट (विजयी)
- ललन सिंह (जदयू): 243847 वोट
- प्रगति मेहता (राजद): 182971 वोट
वर्ष 2009 का चुनाव परिणाम, एक नजर
- ललन सिंह (जदयू): 374317 वोट (विजयी)
- रामबदन राय (राजद): 184956 वोट
बाहुबलियों के कारण शुरू से चर्चा में मुंगेर
मुंगेर लोकसभा सीट इस बार बाहुबलियों के कारण शुरू से ही चर्चा में रही है। यहां की लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) सांसद व बाहुबली सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में सीट शेयरिंग के गणित में इस सीट से हाथ धोना पड़ा। हालांकि, वे अंत तक इसपर दावा करतीं रहीं। उधर, मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह ने जब यहां से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की बात कही तो महागठबंधन में कांग्रेस का प्रमुख सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ही विरोध पर उतर आया। अंतत: कांग्रेस ने अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को टिकट दिया।
सीएम नीतीश के करीबी मंत्री हैं ललन सिंह
मुंगेर में नीलम देवी के मुकाबले में खड़े राजग के जदयू प्रत्याशी राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह बिहार सरकार में मंत्री व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी हैं। गत लोकसभा चुनाव में लाेजपा की वीणा देवी ने ललन सिंह को एक लाख से अधिक वोटों से हराया था। उस चुनाव में जदयू राजग से अलग था।
वोटरों की गोलबंदी बना अहम फैक्टर
ललन सिंह व ललन सिंह दोनों एक ही जाति (भूमिहार) से हैं। अगर उनके स्वजातीय वोटों का विभाजन हुअा तो परिणाम अप्रत्याशित हो सकते हैं। यहां वोटरों की गोलबंदी अहम फैक्टर है।
दोनों गठबंधनों में भितरघात की आशंका
ललन सिंह को जदयू के आधार वोट के साथ भाजपा व लोजपा के वोट की भी उम्मीद है। लेकिन वीणा देवी को टिकट नहीं मिलने से असंतुष्ट लोजपा समर्थकों का एक वर्ग भितरघात भी कर सकता है। उधर, बाहुबली अनंत सिंह को यहां के मुस्लिम व यादव वोट मिल सकते हैं। हालांकि, मुंगेर में अनंत सिंह को टिकट दिए जाने का मुखर विरोध करते रहे राजद से भितरघात की भी आशंका है।
लोकसभा क्षेत्र में विधानसभाओं का संतुलन
मुंगेर लोकसभा क्षेत्र की खास बात यह है कि यहां विधानसभा क्षेत्रों का संतुलन है। मुंगेर और सूर्यगढ़ा विधानसभा क्षेत्रों पर राजद काबिज है तो बाढ़ और लखीसराय में भाजपा विधाक हैं। जमालपुर में जदयू विधायक हैं तो मोकामा में अनंत सिंह।
विघानसभाओं पर नजर डालें तो नीलम देवी व ललन सिंह के आधार क्षेत्र बराबर हैं। नीलम देवी अपने पति अनंत सिंह के विधानसभा क्षेत्र सहित राजद विधायकों वाले मुंगेर व सूर्यगढ़ा में मजबूत पड़ सकती हैं। जबकि, राजग के कब्जे वाले बाढ़, लखीसराय व जमालपुर में ललन सिंह भारी पड़ सकते हैं।
वोट ट्रांसफर बना बड़ा सवाल
विधान सभाओं के संतुलन की बात के साथ यह भी नहीं भूलना चाहिए कि बीते विधानसभा चुनाव में जदयू व राजद साथ थे, इसलिए जमालपुर में जदयू काे राजद के वोट भी मिले होंगे। इसी तरह अनंत सिंह का मुखर विरोध करते रहे राजद के कितने वोट उनकी पत्नी को ट्रांसफर होंगे,यह भी देखने वाली बात होगी।
वोटरों ने किया फैसला, कौन किसपर भारी
बहरहाल, मुंगेर के मैदान में भले ही 19 प्रत्याशी हैं, लेकिन मुकाबला ललन व नीलम में ही होता दिख रहा है। इनमें कौन किसपर भारी है, इसका फैसला सोमवार को यहां के 18.94 लाख वोटरों ने कर दिया। अब इसका परिणम मतगणना के दिन जो भी निकले, इतना तो साफ है कि लड़ाई कांटे की है।
वर्ष 2014 का चुनाव परिणाम, एक नजर
- वीणा देवी (लोजपा): 352911 वोट (विजयी)
- ललन सिंह (जदयू): 243847 वोट
- प्रगति मेहता (राजद): 182971 वोट
वर्ष 2009 का चुनाव परिणाम, एक नजर
- ललन सिंह (जदयू): 374317 वोट (विजयी)
- रामबदन राय (राजद): 184956 वोट
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