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बड़े काम का है ये AADHAR इसने दिलायी घर से भटके छह बच्चों को नई जिन्दगी

आधार नंबर बड़े काम की चीज है। इसके माध्‍यम से घर से भटके छह बच्‍चों को परिजनों से मिलवाने में मदद मिली। जानिए पूरा मामला इस खबर में।

By Amit AlokEdited By: Published: Wed, 29 Aug 2018 11:01 PM (IST)Updated: Thu, 30 Aug 2018 11:39 PM (IST)
बड़े काम का है ये AADHAR  इसने दिलायी घर से भटके छह बच्चों को नई जिन्दगी
बड़े काम का है ये AADHAR इसने दिलायी घर से भटके छह बच्चों को नई जिन्दगी

पटना [राज्य ब्यूरो]। अपने परिजनों से बिछड़े छह बच्चों को आधार (यूआइडी) के माध्यम से उनके मूल परिवार और घर मिल गए। बुधवार को समाज कल्याण विभाग के निदेशक राजकुमार की उपस्थिति में इन बच्चों को उनके परिजनों से मिलाया गया और उन्हें घर ले जाने की अनुमति दी गयी।

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समाज कल्याण विभाग के निदेशक राजकुमार ने बताया कि परिजनों को सौंपे गए  बच्चों के मूल नाम को गोपनीय रखा गया है। बताया कि चम्पिया, उसके पिता मंगिया पश्चिमी सिंहभूम झारखंड से हैं। इसी तरह मानव के पिता बिजेंदर केसरवानी निवासी सागर मध्य प्रदेश से आते हैं। मोलू के पिता जीवछ चौधरी मधुबनी, बिहार के हैं। मुनीराज के पिता रामचंद्र शर्मा सहरसा के हैं। कालू के पिता रामकिशुन हरदोई, उत्तरप्रदेश के हैं, जबकि मो. इस्लाम के पिता इकबाल दरभंगा निवासी हैं।

जब बिछुड़े हुए बच्चों का आधार बनाने की प्रक्रिया शुरू की गयी तो छह का आधार पहले से बना हुआ पाया गया। उनके आधार नंबर के माध्यम से परिजनों को तलाशा गया। उन्होंने बताया कि इसके पूर्व भी छह बच्चों को उनके परिजनों से मिलाया गया।

बाद में जानकारी ली गयी तो पता चला कि बच्चे अपने परिवार के साथ सकुशल व सामान्य जीवन बिता रहे हैं।


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