गंगा घाटों पर रही बेहतरीन व्यवस्था, व्रतियों ने की सराहना
- प्रशासन का दावा, 15 लाख से अधिक व्रती व श्रद्धालु पहुंचे गंगा घाटों पर। - दस हजार अधिकारी अ
- प्रशासन का दावा, 15 लाख से अधिक व्रती व श्रद्धालु पहुंचे गंगा घाटों पर
- दस हजार अधिकारी और कर्मचारी तैनात रहे राजधानी में विभिन्न जगहों पर
- गंगा घाटों पर छठव्रतियों के जाने के लिए चौड़ी रहीं सड़कें
- एनडीआरएफ की टीमें गंगा में करती रहीं गश्ती, नहीं हुई कोई अनहोनी
- गंगा घाटों पर बेन नियंत्रण कक्षों में नहीं दर्ज हुई कोई शिकायत
जागरण संवाददाता, पटना : आस्था के महापर्व छठ पर इस बार गंगा घाटों पर बेहतरीन व्यवस्था रही। पर्याप्त व्यवस्थाएं देख व्रती गदगद रहे। राजधानी के प्रमुख गंगा घाट महेंद्रु, कलेक्ट्रेट्र बांस घाट, पाटीपुल घाट, काली घाट, गांधी घाट सहित 101 घाटों पर 15 लाख से अधिक व्रती और श्रद्धालु पहुंचे। किसी घाट पर अव्यवस्था नहीं दिखी, घाट सुरक्षित रहे तो व्रतियों व उनके परिजनों को भी असुविधा नहीं झेलनी पड़ी। सुरक्षा के कड़े इंतजाम के बीच व्रतियों ने भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया। इससे प्रशासन की जमकर प्रशंसा हुई। शहर के 101 गंगा घाटों पर दस हजार से अधिक अधिकारी, पुलिस जवान और कर्मचारी तैनात किए गए थे। घाटों पर गंदगी ढूंढने पर भी नहीं मिली। नगर निगम के सफाई कर्मी भी सक्रिय देखे गए।
प्रत्येक वाच टॉवरों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम से व्रतियों को मार्गदर्शन देने तथा भीड़ नियंत्रित करने को काम होता रहा। प्रत्येक घाटों पर बने नियंत्रण कक्ष काफी सक्रिय रहे। गंगा से दूर वाले घाटों के लिए चौड़ी-चौड़ी सड़कें व्रतियों के लिए काफी बेहतर साबित हुई। इससे छोटी-छोटी घटनाएं भी नहीं घटीं। यही नहीं जिला नियंत्रण कक्ष में एक भी शिकायतें दर्ज नहीं हुई। यहां विशेष व्यवस्थाएं थीं। रिजर्व में रखी गई विशेष टीम नियंत्रण कक्ष में किसी तरह की सूचना मिलने का इंतजार करती रह गई।
दूसरी ओर किसी अनहोनी से फौरन निपटने के लिए एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमें नदी में गश्ती करती रहीं। व्रतियों को बैरिकेडिंग को पार करने नहीं दिया गया। वाटर एंबुलेंस भी लगातार गश्ती करती रही। सामान्य नाव पर गोताखोर तैनात किए गए थे। वे जाल के साथ भ्रमण करते रहे। प्रत्येक घाटों पर यह टीम मौजूद थी।
---रात दो बजे पुन: सभी हो गए तैनात--
रात ढाई बजे से ही व्रतियों का घाटों पर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। इससे रात दो बजे ही सभी अधिकारी घाटों पर तैनात हो गए थे। पांच बजे तक लोग आते रहे। इस कारण यातायात व्यवस्था सामान्य रही। कहीं भी जाम की स्थिति नहीं बन सकी।
- पहली बार अभूतपूर्व व्यवस्था कोई शिकायत नहीं : आयुक्त---
पटना के प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर अर्घ्य के दौरान घाटों का निरीक्षण करते रहे। उन्होंने कहा कि इस बार अभूतपूर्व व्यवस्था की गई थी। कोई भी शिकायत करने वाला नहीं मिला। सभी ने जमकर तारीफ की। प्रमंडलीय आयुक्त ने इस उत्कृष्ट व्यवस्था के लिए जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल को बधाई देते हुए उनकी जमकर प्रशंसा की। प्रमंडलीय आयुक्त ने एसएसपी मनु महाराज, नगर आयुक्त अभिषेक सिंह, बुडको एमडी अमरेंद्र सिंह आदि को विशेष रूप से बधाई दी।
-- दस हजार कर्मियों के कारण मिली सफलता : जिलाधिकारी--
जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल ने छठ पर्व शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न होने के लिए पटनावासियों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि दंडाधिकारी, पुलिस कर्मी, पेसू, नगर निगम, बुडको, सफाई कर्मियों आदि सहित महापर्व में तैनात रहे सभी लोगों ने पर्व संपन्न कराने में अहम भूमिका निभाई है। सभी लोग बधाई के पात्र हैं। उन्होंने लगातार 100 घंटे तक कार्य किया है। महापर्व में एनडीआरएफ व चिकित्सकों की टीमों ने भी अहम भूमिका निभाई। दस हजार से अधिक कर्मियों की निष्ठापूर्वक भागीदारी से अहम सफलता मिली है।
--एसएसपी ने बांसघाट, कलेक्ट्रेट व महेंद्रु घाट पर लगाई दौड़---
एसएसपी मनु महाराज ने उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के समय सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए दर्जनभर से अधिक जवानों के साथ दौड़ लगाई। उनकी दौड़ बांस घाट से शुरू हुई और कलेक्ट्रेट घाट होते हुए महेंद्रु घाट पर खत्म हुई। इससे उपरोक्त तीनों घाटों पर तैनात पुलिस अधिकारी व जवान सक्रिय हो गए। एसएसपी ने पुलिस अधिकारियों व जवानों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि अगर इसी तरह से पूरी ईमानदारी से निष्ठापूर्वक कर्तव्य को निभाया जाए तो बड़ा से बड़ा पर्व शांतिपूर्वक संपन्न कराया जा सकता है।