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बिहार में मिला ब्‍लैक फंगस का अनोखा मामला, मस्तिष्क से निकाला गया क्रिकेट बॉल से भी बड़ा फंगस

बिहार में ब्‍लैक फंगस का अनोखा मामला मिला है। इस केस में ब्‍लैक फंगस का संक्रमण आंखों को नुकसान पहुंचाए बिना सीधे ब्रेन में पहुंचा था। एक युवक मिर्गी की शिकायत लेकर आइजीआइएमएस आया था। डॉक्‍टर फंगस के नए लक्षण देखकर दंग रह गए।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Sun, 13 Jun 2021 07:19 AM (IST)Updated: Sun, 13 Jun 2021 07:34 AM (IST)
बिहार में मिला ब्‍लैक फंगस का अनोखा मामला, मस्तिष्क से निकाला गया क्रिकेट बॉल से भी बड़ा फंगस
ब्रेन की कठिन सर्जरी कर निकाला गया ब्‍लैक फंगस, सांकेतिक तस्‍वीर।

पटना, जागरण संवाददाता। कोरोना की तरह ब्लैक फंगस भी अब सामान्य से हटकर लक्षण दिखाने लगा है। ऐसा ही एक मामला इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में सामने आया। इसमें नाक से प्रवेश कर फंगस आंखों व साइनस को अधिक प्रभावित करते हुए सीधे मस्तिष्क में पहुंच गया। प्रदेश में यह पहला मामला है, जिसमें ब्लैक फंगस मस्तिष्क में देखा गया है। हालांकि, संस्थान के विशेषज्ञों ने मस्तिष्क की कठिन सर्जरी को सफलता पूर्वक अंजाम देते हुए क्रिकेट बॉल के बराबर फंगस इंफेक्शन को निकाल दिया।

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यह जानकारी संस्थान के चिकित्साधीक्षक डा. मनीष मंडल ने शनिवार को दी। डा. मनीष मंडल ने बताया कि सामान्यत: नाक से प्रवेश करने के बाद ब्लैक फंगस का संक्रमण आंखों को क्षतिग्रस्त करता है। जमुई निवासी अनिल कुमार के मामले में संक्रमण नाक से सीधे मस्तिष्क में पहुंच गया। इससे आंखों को कोई क्षति नहीं हुई है। इस विरले सफल आपरेशन को अंजाम देने वाली न्यूरो सर्जरी विभाग की टीम को संस्थान के निदेशक डा. एनआर विश्वास ने धन्यवाद देते हुए ऐसे ही उत्कृष्ट कार्य करने को प्रोत्साहित किया।

 क्या है मामला

न्यूरो सर्जरी विभाग के डा. ब्रजेश कुमार ने बताया कि जमुई निवासी 60 वर्षीय अनिल कुमार को मिर्गी जैसे दौरे पड़ रहे थे। वह बार-बार बेहोश हो रहे थे और उनकी स्थिति गंभीर होती जा रही थी। उन्हें यह समस्या 15 दिन से थी। पहले वह घर पर ही इसका इलाज करा रहे थे। जब स्वजन उन्हें आइजीआइएमएस लेकर आए तो जांच में पता चला कि मस्तिष्क में ब्लैक फंगस का संक्रमण है। इसके बाद निर्णय लिया गया कि उनकी सर्जरी जल्द से जल्द की जाए। तीन घंटे लंबे आपरेशन कर मस्तिष्क से क्रिकेट के बॉल से बड़े आकार का ब्लैक फंगस निकाला गया है। आंखों को क्षतिग्रस्त किए बिना ब्रेन में फंगस का जाल बनने के कारण ही मरीज को मिर्गी आ रही थी। फंगस और 100 मिलीग्राम से अधिक मवाद निकालने के बाद डाक्टरों ने मरीज को खतरे से बाहर बताया है ।

ब्रेन में तेजी से फैल गया था

डा. ब्रजेश कुमार ने बताया कि ब्लैक फंगस नाक और साइनस के बाद आंखों को थोड़ा सा छूते हुए मस्तिष्क में प्रवेश कर गया था। ब्रेन में यह तेजी से फैल गया था। फंगस क्रिकेट की गेंद से भी बड़ा था। इस कारण सर्जरी जटिल थी। फंगस के पूरे जाल को निकालना किसी चुनौती से कम नहीं था, लेकिन हमारी टीम ने तीन घंटे की अथक मशक्कत कर इसे कर दिखाया।


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