मां-पिता-बेटे की हत्या अौर बेटी के साथ एेसी दरिंदगी, सुनकर कांप जाएगी रूह
नवगछिया जिले में शनिवार को हुए नरसंहार में गंभीर रूप से घायल बच्ची का इलाज पटना के पीएमसीएच में चल रहा है, जहां डॉक्टर अगले 48 घंटे बच्ची के लिए चिंताजनक बता रहे हैं।
पटना [जेएनएन]। नवगछिया जिले के बिहपुर में शनिवार की रात एक दिल दहलाने वाली नरसंहार की घटना ने अपराधियों के बढ़ते मनोबल को दर्शााया है। इस घटना में एक ही परिवार के चार लोगों को धारदार हथियार काट दिया गया, जिसमें तीन लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। कहा जा रहा है कि बेटी के साथ रेप का विरोध करने पर अपराधियों ने तीनों की हत्या कर दी।
इस नृशंस हत्या की एकमात्र चश्मदीद गवाह चौदह साल की बच्ची है जो गंभीर रूप से जख्मी है और उसका इलाज पीएमसीएमच में चल रहा है, जहां डॉक्टरों ने उसे 48 घंटे तक अॉब्जर्वेशन में रखा है और उसकी स्थिति चिंताजनक बता रहे हैं। बच्ची खून से लथपथ अस्पताल लाई गई है और उसके साथ दुष्कर्म की भी संभावना बताई जा रही है।
फिलहाल पीएमसीएच के डॉक्टरों के मुताबिक बच्ची के सिर में गहरी चोट लगी है जिसकी वजह से बच्ची अभी तक बेहोश है, उसका सीटीस्कैन कराकर देखा जा रहा है कि उसके दिमाग में कहीं खून का थक्का तो नहीं जमा है। डॉक्टरों के मुताबिक अगले कुछ घंटे बच्ची के लिए खतरनाक हैं।
बता दें कि बिहपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत झंडापुर महादलित टोले में शनिवार को दिल दहलाने वाली घटना हुई। देर रात एक ही परिवार के चार लोगों को घर में घुसकर धारदार हथियार से काट दिया गया। इसमें मां-बाप व बेटे की मौत हो गई। घटना में गंभीर रूप से जख्मी बच्ची को इलाज के लिए भागलपुर से पटना रेफर किया गया है।
हत्यारोें ने बाप-बेटे की आंखें फोड़कर गुप्तांग काट डाला था
हत्यारों ने बाप-बेटे की आंखें फोड़कर गुप्तांग काट डाले। मृतक महिला व जख्मी किशोरी के सीने पर भी जख्म के निशान हैं। मृतकों में कनिक उर्फ गायत्री राम (55), उनकी पत्नी मीना देवी (50) व पुत्र छोटू (10) शामिल हैं। 14 वर्षीया घायल किशोरी बिंदी कुमारी की हालत अभी चिंताजनक बनी है।
बता दें कि घटना के बाद बच्ची के बदन पर एक भी कपड़ा नहीं था। हैरत की बात है कि इतने बड़े नरसंहार की जानकारी आसपास के लोगों को रविवार की सुबह लगी। सूचना मिलने पर एसडीपीओ मुुकुल कुमार रंजन, बिहपुर सीओ रतन लाल, इंस्पेक्टर अजय कुमार सिंह व झंडापुर ओपी प्रभारी जवाहरलाल सिंह दल-बल के साथ पहुंचे।
मासूम छोटू की चल रही थी सांस
सूचना पर ग्रामीण व पुलिस मौके पर पहुंचे तो उस समय मासूम भाई-बहन की सांसें चल रही थीं। दोनों को आनन-फानन इलाज के लिए बिहपुर पीएचसी भेजा गया। प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को जेएलएनएमसीएच, भागलपुर रेफर कर दिया गया। यहां पहुंचने के साथ ही जख्मी छोटू ने दम तोड़ दिया, जबकि जख्मी किशोरी की गंभीर हालत देख उसे तुरंत पीएमसीएच रेफर कर दिया गया।
मछली बेचता था परिवार
एसडीपीओ ने मुहल्ले के लोगों से पूछताछ की। उन्हें बताया गया कि कनिक का किसी से कोई विवाद नहीं था। वह जीविकोपार्जन के लिए मुहल्ले में घूम-घूमकर मछली बेचते थे। किसने और क्यों इस जघन्य घटना को अंजाम दिया, यह समझ से परे है।
घटना के समय बड़ा पुत्र था नौकरी पर
कनिक के तीन पुत्रों में सबसे बड़ा पुत्र संतोष कुछ दिनों पूर्व ही परदेस कमाने गया है। दूसरा अखिलेश जलकर पर रहता है। घटना के वक्त भी वह जलकर पर था। छोटू सबसे छोटा पुत्र था। इसके अलावा कनिक की तीन पुत्रियां हैं, जिनमें दो की शादी हो चुकी है। बिंदी सबसे छोटी बेटी है।
काफी गुस्से में थे हत्यारे
घटना की नृशंसता को देखकर यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि हत्यारे काफी गुस्से में थे। हत्या से पूर्व कनिक की जमकर पिटाई भी की गई थी। उसके पैर टूटे हुए थे। गर्दन, मुंह व शरीर के कई हिस्सों पर तेज धारदार हथियार के हमले के निशान थे। दोनों आंखें फोड़ दी गई थी। गुप्तांग पर भी कटे के निशान थे।
किशोरी की छाती सहित चेहरे को भी कूचा गया है। कनिक की लाश घर के बरामदे के पास पड़ी थी। मीना देवी का शव कमरे में था। उसके भी चेहरे ,छाती व गर्दन पर वार के निशान थे। मध्य विद्यालय चौधरी टोला में वर्ग पांच के छात्र छोटू के शरीर पर भी धारदार हथियार के हमले के निशान थे। छोटू के गुप्तांग पर भी वार किया गया था।
आक्रोशित ग्रामीणों ने नहीं उठने दिए शव
घटना को लेकर झंडापुर समेत पूरे इलाके में आक्रोश है। ग्रामीणों ने घटनास्थल से पुलिस को शवों को उठाने से रोक दिया। लोग घटना की गहन जांच-पड़ताल और हत्यारों को अविलंब गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे। इस पर पुलिस ने तुरंत सुराग निकालने के लिए खोजी कुत्ता मंगवाया।
साथ ही मौके पर एफएसएल की टीम पहुंचकर साक्ष्य के लिए नमूने उठाकर जांच के लिए गई। सूचना पर एसडीओ मुकेश कुमार भी पहुंचे। उनके समझाने पर लोग माने। इसके बाद शवों को पोस्टमार्टम के लिए नवगछिया अनुमंडलीय अस्पताल भेजा गया।
20 दिन से स्कूल नहीं जा रही थी लड़की
पटना रेफर घायल लड़की आठवीं की स्टूडेंट है। उससे बड़ी दोनों बहनें अनपढ़ रह गई थीं। उसके दोनों बड़े भाई भी शुरुआती पढ़ाई के बाद स्कूल नहीं गए। दोनों बड़े बेटे गरीबी के चलते मजदूरी करने लगे। गांववालों ने बताया कि लड़की पिछले 20 दिन से स्कूल नहीं जा रही थी। मगर वह क्यों स्कूल नहीं जा रही थी इसका जवाब किसी के पास नहीं था।
गांव की जलकर पर रखवाली करने वाला मृतक का दूसरा बेटा रोज रात सात-आठ बजे खाना खाने के लिए घर आता था। रविवार की रात को वह घर आ रहा था, लेकिन अचानक लौट गया। बड़ा बेटा भी दो दिन पहले गुजरात के लिए निकला था।गांववालों ने कहा कि अगर वे दोनों घर पर होते तो अपराधी उनकी भी हत्या कर देते।
उधर, भागलपुर के आईजी सुशील खोपड़े ने बताया कि चश्मदीद घायल किशोरी को पटना रेफर कर दिया गया है। उसके होश में आने का इंतजार किया जा रहा है, जिससे घटना के बारे में सही-सही जानकारी मिल सके। प्राथमिकता के आधार पर केस के खुलासे का निर्देश दिया गया है। इसके बाद वहां के लॉ एंड ऑर्डर की समीक्षा की जाएगी। फिलहाल घटना के कारण का पता नहीं चल पाया है।