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Crime in Patna: ऑटो पर सवार होते ही चेन बनाकर यात्रियों को फंसाता है लुटेरों का गिरोह

रात के अंधेरे में सुनसान सड़क पर बनाते हैं शिकार मीठापुर पटना जंक्शन करबिगहिया बाईपास अगमकुआं में सक्रिय है लुटेरों का गिरोह पूरी टीम मिलकर देती है वारदात को अंजाम यात्री सेट करने से लेकर वारदात के चिह्नित करते है स्पॉट

By Shubh NpathakEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 11:22 AM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 11:22 AM (IST)
Crime in Patna: ऑटो पर सवार होते ही चेन बनाकर यात्रियों को फंसाता है लुटेरों का गिरोह
अपराध की इन वारदातों पर रोक नहीं लगा पा रही पुलिस। जागरण

पटना, जेएनएन। चिरैयाटाड़ पुल पर लूटपाट के दौरान महिला की हत्या में शामिल सभी ऑटो चालक निकले। ऑटो में यात्री से लूटपाट की घटना पहली बार नहीं हुआ है। राजधानी में पहले भी कई वारदात हुई, लेकिन पुलिस ऐसे मामलों को लेकर कभी गंभीर नहीं हुई। यहां तक की रात में संवेदनशील इलाकों में गश्ती गाड़ी भी नजर नहीं आती और न ही पुलिस संदिग्ध से पूछताछ करती है। इसका पूरा फायदा अपराधी ऑटो चालकों के साथ मिलकर उठा रहे है। चेन बनाकर यात्रियों से लूटपाट करने वाले कई गिरोह सक्रिय हैं, जो पॉकेटमारी से लेकर चाकू और कट्टा दिखाकर लूटपाट के लिए जगह तक चिह्नित करते हैं।

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हाल में हुई ऑटो में लूटपाट की कई वारदातें

28 जुलाई को कुर्जी मोड़ के पास ऑटो चालक और उस पर सवार तीन अन्य बदमाशों ने दिन-दहाड़े राजीव नगर की महिला से हथियार के बल पर डेढ़ लाख के गहने लूटकर फरार हो गए। सात जुलाई को कोतवाली, गांधी मैदान व जक्कनपुर थाना क्षेत्र में लूट मामले में दो ऑटो चालक गिरफ्तार हुए, जो सुनसान जगह पर यात्रियों से लूटपाट करते थे। आठ अगस्त को मीठापुर बस स्टैंड पर एक महिला से ऑटो चालक और उसके दोस्त ने हथियार के बल 7 हजार नकद और जेवर लूटकर फरार हो गए। महिला कोलकाता से आई थी। पिछले माह मीठापुर में ऑटो में सवार होकर एक यात्री एयरपोर्ट जा रहा था, जिसके साथ सचिवालय के पास लूटपाट हुई। ऐसी दो दर्जन से अधिक घटनाएं पुलिस के सामने आ चुकी है। जक्कनपुर, गांधी मैदान, कोतवाली थाने की पुलिस पांच से छह गिरोह को जेल भी भेज चुकी है।

इस तरह देते हैं वारदात को अंजाम

गिरोह में चार से पांच लोग शामिल रहते हैं। बस स्टैंड के बाहर खड़े सामान लेकर खड़े यात्री के पास एक अपराधी जाता है। पूछता है, कहां जाना है। कुछ देर बाद ऑटो चालक ऑटो लेकर पहुंचता है। यात्री उससे जगह बताता है तो वह बोलता है, वहां कोई ऑटो वाला नहीं जाएगा। चेकिंग हो रही है। इसी बीच यात्री से जान-पहचान बनाने वाले पहला आदमी उसे बताता है कि मेरा एक रिश्तेदार है, उसी जगह जा रहे हैं। कुछ पैसा अधिक लेंगे पर छोड़ देंगे। इसमें ऑटो चालक शामिल रहता है। गिरोह का एक सदस्य बस और रेलवे स्टैंड के बाहर मौजूद रहता है।

सड़कों पर सात महीने में 71 लूट

माह       लूट

जनवरी     18

फरवरी     11

मार्च        12

अप्रैल      13

मई        03

जून        08

जुलाई     06

अगस्त    10

चिरैयाटांड़ पुल पर पहले भी हो चुकी लूट

चिरैयाटाड़ पुल पर पहली घटना नहीं है, जब लूट के दौरान किसी यात्री को गोली मार दी गई है। मार्च 2018 में आधी रात को शादी समारोह से लौट रहे जवान से लूटपाट हुई। विरोध करने पर अपराधियों ने जवान को गोली मार दी। मामले में गश्ती दल के तीन लोग सस्पेंड कर दिए गए। 18 नवंबर 2018 में पाटलिपुत्र पॉलीटेक्निक मोड़ के पास रात में एयरफोर्स जवान से लूट हुई। लूट का विरोध करने पर उसे गोली मार दी गई। छह जुलाई 2020 को पटना सिटी में लूट का विरोध करने पर व्यवसायी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जबकि कोतवाली, जक्कनपुर, गांधी मैदान थाना क्षेत्र में ऑटो सवार यात्रियों से छिनतइ और लूट के दर्जन भर से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। एसपी सिटी (ईस्‍ट) जितेंद्र कुमार का कहना है कि अभियान चलाकर बिना पुलिस कोड वाले ऑटो चालकों पर कार्रवाई की जाएगी। संवेदनशील इलाकों में पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है। बस और रेलवे स्टेशन के बाहर पुलिस हर संदिग्ध पर नजर रख रही है।


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