बिहार का एक स्कूल जहां दी जा रही थी देशद्राेह की शिक्षा, बाल संरक्षण अधिकार आयोग ने दर्ज करायी FRI
बिहार के पटना के दानापुर स्थित एक शिक्षण संस्थान सीएए और एनआरसी के खिलाफ शिक्षा दी जा रही थी। राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग के इसे भड़काऊ माना है। इस संबंध में आयोग के पत्र के आधार पर संस्थान के खिलाफ देशद्राेह की एफआइआर दर्ज की गई है।
पटना, जागरण संवाददाता। बिहार के पटना स्थित दानापुर कैंट के एक शिक्षण संस्थान में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) एवं राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) की खिलाफत करने की शिक्षा दी जा रही थी। वहां संचालित ज्ञान-विज्ञान रैम्बो होम में एनआरसी और सीएए कानून के बारे में जो पढ़ाया जा रहा था, उसके लिए राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग ने स्वत: संज्ञान लेकर देशद्रोह की एफआइआर दर्ज कराया है। विदित हो कि यह मामला राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो द्वारा स्कूल के निरीक्षण के दौरान सामने आया था। उन्होंने संस्थान में रखे कागजात देखे तो पाया कि वहां नाबालिग बच्चों को देश के कानूनों के खिलाफ बताया जा रहा है। इसके बाद उन्होंने कार्रवाई की है। उन्होंने इस मामले में संबंधित वरीय अधिकारियों को पत्र भी भेजा।
सीएए व एनआरसी को लेकर दी जा रही थी भड़काने वाली शिक्षा
प्रियंक कानूनगो ने अपने पत्र में बताया है कि शिक्षण संस्थान में किस तरह छात्र-छात्राओं को भड़काते हुए पढ़ाया जा रहा था कि यदि कानून नागरिकों के हित में नहीं है तो सबको मिलकर विरोध करना चाहिए। सीएए व एनआरसी की बाबत छात्र-छात्राओं को यह भी बताया जा रहा था कि उन्हें जरूरी दस्तावेज संभालकर रखने चाहिए, ताकि समय पर काम आ सकें। इनके नहिीं रहने पर उन्हें बेघर कर दिया जा सकता है। आयोग ने संस्था में सीएए व एनआरसी को लेकर पढ़ाई जाने वाली बातों को भड़काने वाला माना है। आयोग ने बताया है कि उसे एक छात्रा का लिखा दस्तावेज मिला है, जिसमें उसने लिखा है उसने अपना नाम बताते हुए लिखा है कि वह एनआरसी के विरोध में है। उसके पास घर नहीं है तो दस्तावेज कहां रखेगी?
देशद्रोह सहित अन्य धाराओं में एफआइआर दर्ज, अनुसंधान आरंभ
बाल संरक्षण आयोग ने माना है कि बच्चों को देश के कानून के खिलाफ शिक्षा देना देशद्रोह है। पटना के
एसपी (पश्चिमी) अशोक मिश्रा ने बताया कि बाल संरक्षण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो के पत्र के आधार पर देशद्रोह सहित अन्य धाराओं में एफआइआर दर्ज की गई है। इस मामले का अनुसंधान एसआइ रीना कुमारी को दिया गया है।