80 फीसद संक्रमित घर पर हो सकते ठीक
घबराएं नहीं कोरोना के 80 फीसद मरीज घर पर ही ठीक हो सकते हैं। इसके लिए महज कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है।
घबराएं नहीं
- डॉक्टर भी अब वाट्सएप पर होम आइसोलेशन में रहने की दे रहे हिदायत
- मरीजों की बढ़ रही संख्या और अस्पतालों में बेडों की होने लगी कमी
जागरण संवाददाता, पटना : कोविड-19 के मरीजों की संख्या बढ़ते ही अस्पतालों में बेड के लिए मारामारी शुरू हो गई है। हालात बिगड़ते देख एम्स ने सिर्फ रेफर मरीजों को तो एनएमसीएच ने भी बिना लक्षण व माइल्ड संक्रमितों को भर्ती करने से इन्कार कर दिया है। पीएमसीएच के कोरोना नोडल पदाधिकारी डॉ. पूर्णानंद झा और डॉ. दीपाली सिंह भी होम आइसोलेशन में मरीजों को भेजने के साथ हिदायतें भी वाट्सएप कर रहे हैं। तीन चरण के कोरोना में अलग-अलग सावधानियां
- शुरुआत में जब संक्रमण केवल नाक में होता है, तो बुखार आदि नहीं होते हैं। भाप और विटामिन सी की गोलियां लेने से एक दिन में राहत मिल सकती है। - एक-दो दिन में जब वायरस गले में आ जाता है तो, खरास जैसे लक्षण होते हैं। गरारा करें, गर्म पानी पिएं, बुखार हो तो डॉक्टर की सलाह पर दवा लें। - चार से पांच दिन में जब वायरस फेफड़े में पहुंच जाता है, तो खांसी और सांस फूलने की शिकायत होती है। इसमें गरारा करें, गर्म पानी पीएं, विटामिन सी व बी कॉम्प्लेक्स के अलावा पारासिटामोल के साथ गुनगुने पानी में नींबू का सेवन करें। - ऑक्सीमीटर से शरीर में ऑक्सीजन का स्तर देखते रहें। सांस संबंधी व्यायाम करें और गंभीर होने पर डॉक्टर से संपर्क करें तुरंत बेड नहीं मिले तो घर में ऑक्सीजन सिलेंडर मंगवाएं। ------------------
92 से नीचे ऑक्सीजन लेवल जाने पर तुरंत डॉक्टर से करें संपर्क
प्लस ऑक्सीमीटर से संक्रमित के शरीर में ऑक्सीजन का स्तर देखते रहें। यदि यह 92 (सामान्य 98-100) के पास जाए और बुखार-सास फूलने की शिकायत हो, तो अस्पताल में भर्ती होने या ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता होती है। ऐसे में तुरंत नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
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संक्रमित मरीज घर पर रखें ये सामान
-पारासिटामोल, गरारा करने के लिए बीटाडीन, विटामिन सी और डी, बी कॉम्प्लेक्स, भाप लेने के लिए कैप्सूल, पल्स ऑक्सीमीटर, सांस रोगी आपातकाल के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर। कोरोना संक्रमण के लक्षण :
गला सूखना, सूखी खांसी, तेज बुखार, सास लेने में तकलीफ, गंध व स्वाद की कमी। ये फल होते हैं लाभदायक
फल/सब्जी हाइड्रोजन क्षमता
-केला : 10पीएच
- हरा नींबू - 9.9 पीएच
-पीला नींबू - 8.2 पीएच
-एवोकैडो - 15.6 पीएच
-लहसून - 13.2 पीएच
-आम - 8.7 पीएच
-कीनू - 8.5 पीएच
-अनानस - 12.7 पीएच
-जलकुंड - 22.7 पीएच
-संतरा - 9.2 पीएच