लॉकडाउन ने बिहार सरकार को किया मालामाल, खजाने में जुर्माने से आए 17 करोड़ रुपये
बिहार में पिछले आठ हफ्ते के दौरान लॉकडाउन तोडऩे के मामले में 73 हजार लोगों पर जुर्माना लगाया गया। इससे बिहार सरकार के खजाने में 17 करोड़ रुपये से अधिक की राशि आई।
पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में पिछले आठ हफ्ते के दौरान लॉकडाउन तोडऩे के मामले में 73 हजार लोगों पर जुर्माना लगाया गया। इससे बिहार सरकार के खजाने में 17 करोड़ रुपये से अधिक की राशि आई। इस दौरान 2200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। वहीं इसके अतिरिक्त करीब 2100 लोगों पर मुकदमे दर्ज किए गए।
एडीजी (पुलिस मुख्यालय) जितेंद्र कुमार ने बताया कि पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार राजधानी पटना समेत दस जिलों में सौ से अधिक लोगों की गिरफ्तारियां हुईं हैं। इनमें दरभंगा में सर्वाधिक 239 लोगों को लॉकडाउन उल्लंघन के मामले में गिर$फ्तार किया गया है। इसके अतिरिक्त गया में 196, मोतिहारी में 163, नवादा में 156, नालंदा में 152, सारण में 140, बेगूसराय में 117, रोहतास में सौ लोगों को जेल भेजा गया है, जबकि करीब सौ-सौ लोगों की गिरफ्तारी पटना और बक्सर जिले में भी हुई है।
अररिया में सर्वाधिक गाडिय़ां जब्त
बिहार के 40 पुलिस जिलों में सरकार के आदेश की अनदेखी करने में अररिया जिले में सर्वाधिक 8200 गाडिय़ां जब्त की गईं। इसके बाद जिन दस जिलों में करीब-करीब पांच हजार से अधिक गाडिय़ां जब्त हुई उनमें पटना, मुजफ्फरपुर, सारण, बेगूसराय और समस्तीपुर शामिल हैं।
कहां-कहां गिरफ्तारी की नहीं आई नौबत
खगडिय़ा, शेखपुरा, मुंगेर, नवगछिया, सुपौल और मुजफ्फरपुर जिले में पुलिस के सामने अभी तक लॉकडाउन के दौरान किसी को गिरफ्तार करने की नौबत नहीं आई, जबकि दो जिले ऐसे भी हैं, जहां 58 दिनों के लॉकडाउन में एक भी मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। ये जिले हैं, शेखपुरा और सुपौल। अहम यह भी है कि जमुई में महज एक मुकदमा दर्ज किया गया है।