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पटना विश्वविद्यालय के 568.90 करोड़ रुपये के बजट को मिली स्वीकृति

पटना विश्वविद्यालय सीनेट ने अगले सत्र 2020-21 के लिए 568.90 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 01:52 AM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 01:52 AM (IST)
पटना विश्वविद्यालय के 568.90 करोड़ रुपये के बजट को मिली स्वीकृति
पटना विश्वविद्यालय के 568.90 करोड़ रुपये के बजट को मिली स्वीकृति

पटना। पटना विश्वविद्यालय सीनेट ने अगले सत्र 2020-21 के लिए 568.90 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को ध्वनिमत से पास कर दिया। प्रतिकुलपति प्रो. डॉली सिन्हा ने कहा कि 539.24 करोड़ रुपये के घाटा बजट पेश किया गया। पटना विवि सभी माध्यमों से 29.66 करोड़ रुपये की आय अगले वित्तीय वर्ष में करेगी। वेतन, भत्ता, सेवातक लाभ, आकस्मिक व्यय आदि पर अगले वित्तीय वर्ष में 550.17 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिग के सेवानिवृत्त कर्मियों के लिए 4.72 करोड़ रुपये, दूर शिक्षा निदेशालय पर 3.49 करोड़ रुपये और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों पर 10.52 करोड़ रुपये खर्च बताया गया है। सत्र 2019-20 में पटना विश्वविद्यालय का कुल प्रस्तावित बजट 365.94 करोड़ रुपये का था। इनमें से 32.42 करोड़ रुपये विश्वविद्यालय ने आतंरिक संसाधन से प्राप्त किए। जबकि 333.52 करोड़ रुपए के घाटे का बजट पास किया गया था। -एकेडमिक सुविधा के लिए खर्च होंगे 78.68 करोड़

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पटना विवि में अगले सत्र में एकेडमिक सुविधाएं बढ़ाने के लिए 78.68 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान किया गया है। इस मद की राशि रिसर्च के लिए अनुदान, लैब के लिए उपकरण, पुस्तकालयों के ऑटोमेशन, वर्कशॉप, सेमिनार, पुस्तक खरीद आदि पर खर्च की जाएगी। प्लेसमेंट सेल को दुरुस्त करने के लिए 20.50 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान किया गया है। -नैक में बेहतर ग्रेड के लिए रिसर्च पर बल

कुलपति प्रो. रासबिहारी सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय की नैक में ग्रेडिंग अपेक्षा के अनुसार नहीं है। बेहतर ग्रेड के लिए शिक्षकों को अधिक से अधिक रिसर्च वर्क पर ध्यान देने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इनोवेशन पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए देश-विदेश के आठ नामचीन संस्थानों से एमओयू किया गया है। बीएन कॉलेज के प्राचार्य प्रो. राजकिशोर प्रसाद ने शिक्षकों के लिए मासिक रिसर्च इंसेंटिव देने की माग की। इस पर कुलपति ने कहा कि सिर्फ पटना विश्वविद्यालय में ही इसके लिए 7500 रुपये देने का प्रावधान पूर्व से है। -विश्वविद्यालय के लिए छह चुनौती किए गए चिह्नित

क लपति ने अपने अभिभाषण में विश्वविद्यालय के लिए छह चुनौतियां गिनाई। उन्होंने कहा कि शोध और इनोवेशन सबसे बड़ी चुनौती है। इसके बाद क्रमश: रूसा से आवंटित 20 करोड़ रुपये का सदुपयोग, छात्रों के कॅरियर के लिए काउंसिलिंग, प्लेसमेंट एवं ग्लोबल एक्सपोजन, एनआइआरएफ में शामिल होना, यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट इंफॉमेशन सिस्टम (यूएमआइएस) में पारदर्शिता तथा शिक्षकों की कमी का नंबर आता है। य जी वोकेशनल में सीबीसीएस को मिली स्वीकृति

प जी के रेगुलर और वोकेशनल सभी कोर्स में सीबीसीएस को स्वीकृति दी गई। वहीं, स्नातक में वोकेशनल कोर्स में ही सीबीसीएस लागू करने का प्रस्ताव पारित किया गया। डीएसडब्ल्यू प्रो. एनके झा ने एकेडमिक काउंसिल व सिंडिकेट से पास प्रस्ताव को स्वीकृति के लिए प्रस्तुत किया। इंटरनेशनल हॉस्टल में मिलेगा शोधार्थियों को कमरा

सिंडिकेट सदस्य पप्पू वर्मा के प्रश्न का जवाब देते हुए कुलपति ने कहा कि शादीशुदा शोधार्थी को हॉस्टल की व्यवस्था पर विचार किया गया है। 50 कमरों का इंटरनेशनल हॉस्टल प्रस्तावित है। इसमें विदेशी छात्रों के आवंटन के बाद शेष कमरे शोधार्थियों को आवंटित किए जाएंगे।


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