बिहार में बाढ़: अबतक 514 लोगों की मौत, आशियाना तलाश रहे भूखे-प्यासे लोग
बिहार में बाढ़ से मरने वालों की संख्या अब 514 हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि 19 जिलों में हर बाढ़ पीड़ित परिवार को बकरीद से पहले छह-छह हजार रुपए नकद दिए जाएंगे।
पटना [जेएनएन]। बिहार में आई बाढ़ से मरने वालों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है। राज्य में पिछले 24 घंटे में बाढ़ से संबंधित घटनाओं में 32 लोगों की मौत हुई है, जिससे राज्य में मरने वालों की संख्या बढ़कर 514 हो गई है। हालांकि प्रशासन के मुताबिक राज्य में बाढ़ की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।
राज्य में 19 जिले में 1.71 करोड़ लोग अब भी इस विभीषिका का सामना कर रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ प्रभावित जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बाढ़ पर समीक्षा बैठक की।मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए चलाए जा रहे राहत और बचाव कार्य को और तेज करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कमिश्नर, आईजी, डीआईजी, डीएम और एसपी के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग में नकद अनुदान बांटने का आदेश दिया। राज्य के 19 जिलों में हर बाढ़ पीड़ित परिवार को बकरीद से पहले छह-छह हजार रुपए नकद दिए जाएंगे।
रकम का भुगतान आरटीजीएस के जरिए बैंक खाते में होगा।जिनका बैंक खाता नहीं है उनका जल्द बैंक खाता खुलवाने का मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया, ताकि आरटीजीएस से राशि हस्तांतरित की जा सके।
बाढ़ प्रभावित जिले
पूर्णिया, सुपौल, किशनगंज, कटिहार, अररिया, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, मधुबनी, मधेपुरा, सीतामढ़ी, दरभंगा, शिवहर, सीवान मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सहरसा, सारण, खगड़िया और समस्तीपुर।
नेपाल के पीएम से भी हुई बात
सभी पंचायत सरकार भवनों में बाढ़ की स्थिति में रिलीफ के लिए बनेगा सेंटर। सड़क परियोजनाओं को जलनिकासी से जोड़ा जाएगा। एनएच, एसएच और जिला सड़क सभी पर जलनिकासी की व्यवस्था जरूरी है।आंध्र की तर्ज पर वज्रपात के आधा घंटा पहले मोबाइल एप पर जानकारी मिलेगी।
राज्य सरकार द्वारा बाढ़ में घिरे लोगों को सुरक्षित निकाले जाने का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। अब तक लाखों लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाके से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा चुका है। कुछ इलाके में पानी घटने से लोग अपने घरों में लौट गए हैं और राहत शिविरों की संख्या घटकर 222 से 115 हो गई है।
ब्लॉक के कई गांवों में बाढ़ का पानी फैल जाने से लोग ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं। तुलसी मोहनपुर, गोवर्धनपुर, थतिया, रघुवरपुर, भठण्डी, नरसिंहपुर, मथुरापुर, सबहा, वाजीद समेत अन्य गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। बहुत से लोग ढोली स्टेशन एवं तुलसी मोहनपुर, सबहा चौक, रधुवरपुर विद्यालय में शरण लिए हुए हैं। प्रशासन ने तुलसी मोहनपुर विद्यालय में जेनरेटर की व्यवस्था की है।
मुरौल प्रखंड के महमदपुर तिरहुत नहर पर ठहरे बाढ़ पीडितों को समुचित ढंग से राहत सामग्री नहीं मिल रहा है। इन जगहों पर पीने के पानी की सबसे बड़ी समस्या है। सरकारी व्यवस्था के तहत बाढ़ पीडितों को दिन में ही खिचड़ी दी जा रही है। इन जगहों पर बीमार लोगों के लिए चिकित्सा शिविर नहीं लगाए जाने से लोग परेशान हैं।
इस क्षेत्र में मवेशियों को चारा नहीं मिल रहा है। नहर के पश्चिमी दक्षिणी हिस्से के बाढ़ पीडित महमदपुर निवासी संजय पासवान ने बताया कि हमलोगों को सिर्फ दिन में एक बार ही खिचड़ी मिलता है। पीने नहीं मिलने से गंदा पानी को छानकर पीने को मजबूर हैं। गैर सरकारी संगठन द्वारा दिया जाने वाला राहत भी इन स्थानों तक नहीं पहुंच रहा है।