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अक्‍टूबर में अनाज से वंचित रह गये पटना के 50 हजार गरीब परिवार, नवंबर में मिलने पर भी संशय

पटना में अनाज से वंचित हो गए 50 हजार लोग दिसंबर के महीने में डीलरों से लिया जा रहा नवंबर माह का चालान पांच किलो निशुल्क अनाज सहित 10 किलो अनाज से हो गए वंचित व्‍यवस्‍था की खामी बता रहे अधिकारी

By Shubh NpathakEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 10:29 AM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 10:29 AM (IST)
अक्‍टूबर में अनाज से वंचित रह गये पटना के 50 हजार गरीब परिवार, नवंबर में मिलने पर भी संशय
व्‍यवस्‍था की खामी गरीबों पर पड़ रही भारी। जागरण

पटना [मृत्युंजय मानी]। जन वितरण प्रणाली (Public Distribution System) व्यवस्था में दोष के कारण पटना जिले में 50 हजार से अधिक गरीबों को अक्टूबर माह के अनाज (grain) से वंचित होना पड़ गया। 26 नवंबर को राज्य खाद्य निगम ने जनवितरण प्रणाली के विक्रेताओं (PDS Dealer) को अनाज उपलब्ध कराया। उसी दिन जनवितरण की दुकानों से अक्टूबर माह के राशन वितरण पर रोक लगा दी गई। गरीब अनाज से वंचित हो गए। अब अक्‍टूबर के अनाज को नवंबर माह के आवंटन में शामिल कर दिया गया है।

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एक माह पीछे चल रही पूरी प्रक्रिया

गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवन बसर करने वालों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (National Food Security Act) के तहत पांच किलो प्रति व्यक्ति तथा कोरोना संक्रमण काल में केंद्र सरकार की तरफ से उपलब्ध कराया जाने वाला नि:शुल्क पांच किलो अनाज से वंचित होना पड़ गया। यानी 50 हजार गरीबों को दस-दस किलो अनाज से वंचित होना पड़ा है। ट्रांसपोर्टिंग व्यवस्था में पेंच फंस जाने के कारण ऐसा हुआ। नवंबर माह के अनाज वितरण के लिए अभी डीलरों से चालान लिया जा रहा है, जबकि दिसंबर माह का चालान अब लेना चाहिए था। प्रक्रिया एक माह पीछे चली गई है।

नवंबर तक मुफ्त अनाज दे रही केंद्र सरकार

केंद्र सरकार अप्रैल माह से नवंबर माह तक गरीबी रेखा से नीचे जीवन-बसर करने वालों को पांच किलो नि:शुल्क अतिरिक्त अनाज उपलब्ध करा रही है। यही हाल रहा तो गरीबों को नवंबर माह के आवंटन से भी वंचित रहना पड़ सकता है। पटना शहरी क्षेत्र में 2.04 लाख तथा ग्रामीण क्षेत्र में 8.66 लाख कार्डधारी हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्डधारियों को प्रति व्यक्ति तीन रुपये प्रति किलो तीन किलो चावल तथा दो रुपये प्रति किलो दो किलो गेहूं उपलब्ध कराती है।

अनाज नहीं मिलने पर डीलरों को घेर रहे लोग

फेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन के मनोज कुमार का कहना है कि कार्डधारी आंदोलन कर रहे हैं। डीलरों के साथ अव्यवहार कर रहे हैं। सरकार की गलत नीतियों के कारण डीलर सभी गरीबों तक अनाज नहीं पहुंचा सके। वितरण पर रोक लगते ही पॉस मशीन काम करना बंद कर दिया। जन कल्याण राशन कार्डधारी संघ के संरक्षक दशरथ पासवान और प्रदेश अध्यक्ष राजेश पासवान का कहना है कि कोरोना संक्रमण का दौर चल रहा है। सभी कार्डधारी को अनाज वितरण कराना चाहिए। एसएफसी के अधिकारी कहते हैं कि व्यवस्था में दोष है। खाद्य संरक्षण विभाग खामियों के दूर करने में जुटा है। नवंबर माह के राशन वितरण तेज गति से किया जाएगा।


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