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AES से चार और बच्चों की मौत, केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री हर्षवर्धन का बिहार दौरा रद

बिहार में AES ने फिर से इस साल भयावह रूप ले लिया है और इस बीमारी से अब तक 58 बच्चों की मौत हो चुकी है। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री का दौरा रद हो गया है। जानें इस बीमारी के लक्षण।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 12 Jun 2019 11:50 AM (IST)Updated: Wed, 12 Jun 2019 10:46 PM (IST)
AES से चार और बच्चों की मौत, केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री हर्षवर्धन का बिहार दौरा रद
AES से चार और बच्चों की मौत, केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री हर्षवर्धन का बिहार दौरा रद

पटना, जेएनएन। मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में बुधवार की सुबह एईएस से सात और बच्चों की मौत हो गई। वहीं, नौ नए मरीजों को भर्ती किया गया है। दो पीड़ि‍त केजरीवाल अस्पताल में भी लाए गए हैं। मरनेवालों की पहचान प‍श्च‍िम चंपारण की गुड़ि‍या कुमारी व गोलू कुमार और मुजफ्फरपुर की रवीना कुमारी व गूंजा के रूप में हुई है। देर शाम बगल के जिलों से भी तीन बच्चों की मौत की खबर आ रही है। लगातार हो रही बच्चों की मौत के बाद बुधवार को केंद्र सरकार हरकत में आई है। आज पांच सदस्यीय केंद्रीय टीम मुजफ्फरपुर पहुंच गयी है। वहीं गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन, राज्य मंत्री अश्वनी चौबे इलाके का जायजा लेने के आनेवाले थे। लेकिन अब खबर आ रही है कि केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री अब नहीं आएंगे। उनका मुजफ्फरपुर दौरा रद हो गया है।  
वहीं केंद्र सरकार ने राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च सेंटर के कुछ वैज्ञानिको और विशेषज्ञों को भी मुज़फ़्फ़रपुर में डेपुटेशन पर भेजा गया है। दूसरी राज्य सरकार के प्रधान सचिव संजय कुमार ने कहा कि बुधवार को दो बच्चों की मौत हुई है। वहीं अभिभावकों की मानें तो बुधवार को मुजफ्फरपुर व बगल के जिलों में सात और बच्‍चों की मौत के होने की खबर है। 

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इस मौसम में अब तक 58 से अधिक बच्‍चों की मौत हो चुकी है, जबकि 140 से ज्यादा भर्ती हुए हैं। इससे पहले मंगलवार को पांच बच्चों की मौत हो गई थी और 24 नए मरीज इलाज के लिए लाए गए थे। सोमवार को स्थ‍ि‍त‍ि सबसे भयावह रही। उस दिन 24 बच्चों की मौत हो गई, जब‍क‍ि 40 बच्चों को भर्ती कराया गया था।

एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ. एसके शाही, प्राचार्य डॉ. विकास कुमार, शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. गोपाल शंकर साहनी समेत सभी चिकित्सक और कर्मी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। इधर, मामला बढ़ने के बाद बीमारी का जायजा लेने केंद्रीय टीम एसकेएमसीएच पहुंची। टीम में अध‍िकारी समेत सात व‍िशेषज्ञ डॉक्टर हैं। टीम यहां के हालात से रूबरू होने के बाद गांवों का भी दौरा करेगी।

क्या है चमकी बुखार या एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES)

चमकी बुखार को एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) के नाम से भी जाना जाता है। इस बीमारी में दिमाग में सूजन हो जाती है। ये सब वायरल इन्फेक्शन की वजह से होता है। जापानी इन्सेफेलाइटिस को उत्तरी बिहार में चमकी बुखार के नाम से जाना जाता है। यह बुखार शरीर के इम्यून सिस्टम और दिमाग के ऊतकों पर हमला करता है।

चमकी बुखार के लक्षण

इस बीमारी में सिरदर्द के साथ बुखार आना सबसे बड़ा लक्षण होता है। इस बीमारी का शिकार होने पर मांसपेशियों और ज्वाइंट्स में दर्द, कमजोरी की शिकायत भी होती है। उल्टी आना और चिड़चिड़ेपन के लक्षण भी नजर आते हैं। कई बार इससे पीड़ित मरीज बेहोश भी हो जाता है। बीमारी अगर बढ़ जाती है तो ये लक्षण नजर आते हैं। 

 - बोलने,सुनने में समस्या आना।

- पैरालाइज हो जाना।

- भ्रम उत्पन्न होना।

- दिमाग संतुलित नहीं रहना।

- बेहोशी आना।

बच्चों में ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं

- उल्टी या जी मिचलाना।

- शरीर में अकड़न आना।

- चिड़चिड़ापन बढ़ना।

- खोपड़ी के नरम स्थानों में उभार आना।

अगर बच्चों में इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं तो घबराएं नहीं। तत्काल डॉक्टर्स की सलाह लें। जांच के बाद ही तय होता है कि बच्चा चमकी बुखार से पीड़ित है या नहीं।

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