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बिहार में बिजली की दरों में 5 प्रतिशत की वृद्धि, राजद और कांग्रेस ने जताया विरोध

बिहार राज्य विद्युत विनियामक आयोग बुधवार की सुबह बिजली की नयी दरों का एलान किया। इसमें पांच प्रतिशत की वृद्धि की गई है। नयी दरें एक अप्रैल से प्रभावी होंगी।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Wed, 21 Mar 2018 12:12 PM (IST)Updated: Thu, 22 Mar 2018 09:52 PM (IST)
बिहार में बिजली की दरों में 5 प्रतिशत की वृद्धि, राजद और कांग्रेस ने जताया विरोध
बिहार में बिजली की दरों में 5 प्रतिशत की वृद्धि, राजद और कांग्रेस ने जताया विरोध
style="text-align: justify;">पटना [जेएनएन]। गर्मी आने से पहले बिहार में लोगों को पसीना छूटने लगा है। सबसे अधिक पसीना एसी में रहने वालों को बिल जमा करने में छूटेगा। बिहार राज्य विद्युत विनियामक आयोग बुधवार की सुबह बिजली की नयी दरों का एलान किया। इसमें पांच प्रतिशत की वृद्धि की गई है। नयी दरें एक अप्रैल से प्रभावी होंगी।
बिहार में सभी श्रेणियों की बिजली दरों में औसतन पांच फीसद का इजाफा हुआ है। हालांकि बढ़ी हुई दरों पर सब्सिडी देकर राज्य सरकार ने उपभोक्ताओं को राहत देने का आश्वासन भी दिया है। अनुदान का एलान तीन-चार दिनों में किया जा सकता है।
राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने बुधवार को बिजली की नई दरों की घोषणा कर दी। उद्योगों की बिजली दरों में 9 फीसद वृद्धि की गई है। आयोग के अध्यक्ष एसके नेगी, सदस्य राजीव अमित एवं आरके चौधरी ने बताया कि बिजली कंपनियों के बढ़ रहे घाटे, राजस्व जरूरत एवं पिछले वर्ष की भरपाई के प्रस्ताव का अध्ययन करने के बाद यह फैसला लिया गया है।
नेगी ने कहा कि बिजली कंपनियों ने इस बार भी शून्य सब्सिडी का प्रस्ताव दिया था, जिसमें राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली मदद का जिक्र नहीं था। नेगी ने कहा बिहार में हर घर बिजली योजना को पूरा करने में खर्च हो रही राशि को देखते हुए फैसला लिया गया है। फिक्स चार्ज पर किसी तरह की वृद्धि नहीं हुई है।
नई टैरिफ में सिंचाई एवं कृषि के लिए बिना मीटर वाली उपभोक्ता श्रेणी को समाप्त कर दिया गया है। समय पर ऑनलाइन भुगतान करने पर उपभोक्ताओं को पूर्ववत 2.5 फीसद की छूट मिलती रहेगी। दोनों बिजली वितरण कंपनियों को उदय योजना के तहत नुकसान प्रतिशत को कम करते हुए औसतन 21 फीसद पर लाने की नसीहत दी गई है।
पिछले वर्ष विद्युत विनियामक आयोग के फैसले के बाद राज्य सरकार ने अलग-अलग स्लैब में सब्सिडी की घोषणा की थी। सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए अनुदान के रूप में बिजली कंपनी को 2952 करोड़ राशि दी है। इस बार भी सब्सिडी देने की बात कही गई है। हालांकि सरकार संबंधित उपभोक्ताओं को उसके बिजली बिल पर कितने रुपये की सब्सिडी देगी इसकी घोषणा नहीं की गई है।
अब सब्सिडी का इंतजार
आयोग के फैसले के तुरंत बाद राज्य सरकार ने उपभोक्ताओं को सब्सिडी के जरिए राहत देने का भरोसा दिया है। ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि सब्सिडी का फायदा सीधे उपभोक्ताओं को दिया जाएगा। उनके बिल से अनुदान के पैसे कम कर दिए जाएंगे। बिल पर अनुदान की राशि पूर्ववत अंकित होगी। प्रधान सचिव ने अनुदान के एलान के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है, किंतु माना जा रहा है कि नई दरें प्रभावी होने के पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन में इसकी घोषणा कर सकते हैं।
बिजली दर बढ़ने के बाद ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि बढ़े हुए के दरों पर सरकार सब्सिडी देगी। बढ़े दरों के आदेश की प्रति मिलने पर सब्सिडी पर फैसला होगा। उपभोक्ता बढ़े हुए दाम को लेकर घबराएं नहीं।
वहीं, बिजली टैरिफ के बढ़ोतरी पर बिहार की पूर्व मुख्‍यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार लगातार महंगाई बढ़ा रही है। बिजली का दाम भी बढ़ा रहा है, यह ठीक नहीं है।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव ने कहा क‍ि बिहार में महंगाई चरम पर है। बिजली का बिल अभी तक लोगो को सही नही मिल रहा है। बिना सुधार बिजली कीमत में इजाफा किया जाता है। बिहार में बिजली हो या बालू गरीबों को इसका मार झेलना पड़ता है। सरकार को गरीवों से कोई लेना देना नहीं है।
कांग्रेस ने भी बिजली दरों में बढ़ोत्‍तरी का विरोध किया है। कांग्रेस ने बढ़ोत्‍तरी को वापस लेने की मांग की है।

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