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बिहार में मोबाइल टावर के 4593 आवेदन दबाकर बैठे हैं अफसर, केवल आठ को ही मिली है एनओसी

Bihar Mobile Tower News बिहार में मोबाइल टावर के 4593 आवेदन लंबित सरकार अब दिखाएगी सख्‍ती लापरवाही पर नपेंगे अफसर नगर विकास एवं आवास विभाग ने जताई आपत्ति नगर आयुक्तों व कार्यपालक पदाधिकारियों को अविलंब आवेदन निबटाने का निर्देश

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 01:49 PM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 01:49 PM (IST)
बिहार में मोबाइल टावर के 4593 आवेदन दबाकर बैठे हैं अफसर, केवल आठ को ही मिली है एनओसी
मोबाइल टावर के आवेदनों को एनओसी देने में अब आएगी तेजी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में मोबाइल टावर लगाने व आप्टिकल फाइबर बिछाने के आवेदनों को लंबित रखने पर नगर विकास एवं आवास विभाग ने सख्त आपत्ति जताई है। राज्य भर में मोबाइल टावर लगाने व आप्टिकल फाइबर बिछाने के 4773 आवेदन आए हैं, जिसमें महज 28 को ही एनओसी मिली है। करीब 90-95 फीसद आनलाइन आवेदन निकायों में अफसरों के पास लंबित पड़े हैं। अब इस बाबत नगरपालिका प्रशासन निदेशालय ने सभी नगर आयुक्त, कार्यपालक पदाधिकारी व प्रखंड विकास पदाधिकारी को पत्र लिखकर लंबित आवेदनों पर अविलंब कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। इसमें लापरवाही बरतने पर अफसरों के खिलाफ यथोचित कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है।

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32 जिलों को एनओसी का इंतजार

राज्य के 38 जिलों में 32 जिले ऐसे हैं, जहां करीब साल भर से मोबाइल टावर व आप्टिकल फाइबर के लिए एक भी अनुमति नहीं दी गई है। सबसे अधिक 323 आवेदन पटना जिले से मिले हैं। जिन छह जिलों को एनओसी दी गई है, उसमें पश्चिमी चंपारण नौ मामलों के साथ सबसे आगे हैं। इसके बाद पटना के आठ, मुजफ्फरपुर व भागलपुर को चार-चार, पूर्वी चंपारण को दो और कटिहार में एक आवेदन को एनओसी दी गई है।

लंबित मामलों से राजस्व का भी नुकसान

मोबाइल टावर लगाने या ऑप्टिकल फाइबर बिछाने के लंबित मामलों के साढ़े चार हजार से अधिक लंबित मामलों के कारण शहरी निकायों को राजस्व का भी नुकसान हो रहा है। इसके लिए एजेंसियों को स्थानीय निकाय में निर्धारित तय शुल्क के साथ आनलाइन आवेदन करना होता है।

  • 4773 आवेदन आए हैं अभी तक
  • 4593 मामले निकायों में हैं लंबित
  • 28 आवेदनों को ही मिली एनओसी

नगर निगम में देना है 20 हजार रुपए शुल्‍क

नगर पंचायत के लिए 16 हजार, नगर परिषद के लिए 18 हजार और नगर निगम के लिए एकमुश्त 20 हजार रुपये शुल्क देना है। इसके अलावा आवेदन स्वीकृत होने पर भूमि उपयोग के लिए प्रति वर्ग फीट की दर से शुल्क देना होता है। शहरी निकायों के पदाधिकारी आवेदनों की जांचकर जांचकर एनओसी देते हैं। बिना अनुमति के टावर लगाने वालों पर जुर्माने का भी प्रावधान है।

सबसे अधिक आवेदन वाले जिले

जिला        आवेदन   स्वीकृत

पटना          323     08

गया           283      00

पूर्वी चंपारण  253       02

नालंदा        225      00

मुजफ्फरपुर   220      04


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