शराब मामले में नप चुके हैं अबतक 430 पुलिसकर्मी, 56 किए जा चुके हैं बर्खास्त
शराबबंदी कानून लागू होने के बाद लापरवाही बरतने और अवैध शराब व्यापार को संरक्षण देने के आरोप में अभी तक 430 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जा चुकी है।
पटना, जेएनएन। बिहार सरकार ने भले ही शराबबंदी लागू कर दी है पर कई एेसे मामले आए हैं जिसमें पुलिस के मुलाजिम ही संलिप्त पाए गए हैं। शराबबंदी कानून लागू होने के बाद लापरवाही बरतने और अवैध शराब व्यापार को संरक्षण देने के आरोप में अभी तक 430 पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की जा चुकी है। इसमें 56 से अधिक पुलिस कर्मियों को शराब पीने, तस्करों को संरक्षण और कार्रवाई नहीं करने के आरोप नौकरी से बर्खास्त किया जा चुका है।
इंस्पेक्टर से लेकर कांस्टेबल तक हैं शामिल
इसमें इंस्पेक्टर, दारोगा से लेकर कांस्टेबल तक शामिल हैं। वहीं 213 पुलिसकर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई हुई, जबकि 41 पुलिस पदाधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए दस साल तक उन्हें थानाध्यक्ष या प्रभारी नहीं बनाया जाएगा। इसमें पटना, मुजफ्फरपुर, कटिहार और सिवान समेत 16 जिलों में तैनात पुलिस पदाधिकारियों पर कार्रवाई हो चुकी है ।
इनसेट
फरवरी 2017: शराब माफिया से साठ-गांठ पर बेउर थाने के 29 पुलिस कर्मियों लाइन क्लोज व पांच पुलिसकर्मी निलंबित।
मार्च 2017: गौरीचक थाने के मुंशी का शराबी को छोडऩे के लिए घूस लेते वीडियो वायरल हो गया। मुंशी हुआ सस्पेंड।
मई 2017: जक्कनपुर थाना पुलिस की मदद से शराब पार्टी की सूचना पर थानाध्यक्ष सहित सभी पुलिसकर्मी लाइन हाजिर।
अक्टूबर 2018: जक्कनपुर में तैनात जवान की शराब तस्कर से से फोन पर बातचीत। जवान को सस्पेंड कर दिया गया।
नवंबर 2018: एसकेपुरी थाना में तैनात एएसआइ को रुपए लेकर शराब पीने वाले को छोडऩे के आरोप में हुआ सस्पेंड।
मार्च 2019: कदमकुआं थाना में तैनात सब इंस्पेक्टर को थाने में ही शराब में पकड़ा गया। सिटी एसपी ने सस्पेंड कर दिया।
फरवरी 2020: पाटलिपुत्र थाने के पीछे खटाल में शराब पीते पकड़े गए शास्त्री नगर के एएसआई व जवान सस्पेंड, गिरफ्तार।
फरवरी 2020: क्षेत्र में शराब बिक्री के मामले में गौरीचक थानेदार सस्पेंड, थाने के सभी पुलिस कर्मी लाइन हाजिर।