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19 साल बाद सावन में बन रहा है दुर्लभ संयोग, एेसे करें भगवान शिव का जलाभिषेक

इस वर्ष सावन में चार सोमवार पडऩे से श्रद्धालुओं के लिए खास है। 19 साल बाद सावन माह में ग्रहों का दुर्लभ संयोग बन रहा है। जानिए कैसे राशि के अनुसार करें भगवान का जलाभिषेक...

By Kajal KumariEdited By: Published: Fri, 13 Jul 2018 03:53 PM (IST)Updated: Sat, 14 Jul 2018 07:34 PM (IST)
19 साल बाद सावन में बन रहा है दुर्लभ संयोग, एेसे करें भगवान शिव का जलाभिषेक
19 साल बाद सावन में बन रहा है दुर्लभ संयोग, एेसे करें भगवान शिव का जलाभिषेक

पटना [जेएनएन]। 28 जुलाई दिन शनिवार को भगवान का प्रिय माह सावन आरंभ होने वाला है। भगवान शिव को प्रिय माह सावन होने के कारण शिवमंदिर में भोले का जलाभिषेक कर श्रद्धालु सावन में भोलेनाथ को प्रसन्न करेंगे। वहीं कुवांरी कन्या एवं सुहागिन महिलाएं सोमवारी का व्रत कर खुशहाल दांपत्य की कामना करेंगी। कर्मकांड विशेषज्ञ पंडित राकेश झा शास्त्री ने कहा कि भगवान शिव सावन माह में पृथ्वी पर अवतरित होकर अपने ससुराल गए थे। जहां पर उनका जलाभिषेक किया गया था।

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पंडित झा ने कहा कि 19 साल बाद सावन माह में ग्रहों का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस बार सावन में मलमास पडऩे से सावन पूरे 30 दिनों का हो गया है। सावन मास का आरंभ प्रीति एवं आयुष्मान योग के साथ श्रवण नक्षत्र में होने से उत्तम योग बन रहा है। यह योग सर्वार्थ सिद्धि योग के बराबर है। जिसमें भगवान भोले की पूजा-अर्चना करना मंगलकारी माना गया है।

सावन मास में पड़ेगा चार सोमवार

इस वर्ष सावन में चार सोमवार पडऩे से श्रद्धालुओं के लिए खास है। पंडित राकेश झा ने कहा सोमवार के दिन सोमवारी व्रत करने के साथ बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक कर मनोवांछित फल प्राप्त कर सकते हैं। 

30 जुलाई - सावन का पहला सोमवार 

06 अगस्त - सावन का दूसरा सोमवार 

13 अगस्त - सावन का तीसरा सोमवार व हरियाली अमावस्या 

20 अगस्त - सावन का चौथा एवं अंतिम सोमवारी व्रत

26 अगस्त - सावन माह का अंतिम दिन तथा पूर्णिमा व रक्षाबंधन

राशि के अनुसार करें भगवान का जलाभिषेक

पंडित राकेश झा ने कहा कि वैसे तो पूरे सावन में विभिन्न राशियों वाले लोग भगवान भोले को गंगाजल से जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना कर सकते हैं। लेकिन राशि के अनुसार अगर भोले की पूजा हो तो श्रद्धालुओं को मनोवांछित फल की प्राप्ति हो सकती है। 

मेष राशि - लाल फूल, लाल चंदन चढ़ाने के साथ नागेश्वराय नम: का जाप करना फलदाई है। 

वृषभ राशि - चमेली के फूल शिवलिंग पर चढ़ाकर रूद्राष्टक का पाठ करना फलदाई है। 

मिथुन राशि - शिवलिंग पर धतूरा, भांग चढ़ाने के साथ पंचाक्षरी मंत्र का जाप करें। 

कर्क राशि - शिवलिंग पर भांग मिश्रित दूध एवं रूद्राष्टक का पाठ करें 

सिंह राशि - शिवलिंग पर कनेर के लाल रंग का फूल व रूद्राष्टक का पाठ करें। 

कन्या राशि - शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, भांग एवं पंचाक्षरी मंत्र का जाप करें। 

तुला राशि - मिश्री मिला दूध से शिवलिंग पर जलाभिषेक एवं शिव सहस्त्र नाम का पाठ करें। 

वृश्चिक राशि - शिवलिंग पर गुलाब, बेलपत्र एवं रूद्राष्टक का पाठ करें। 

धनु राशि - शिवलिंग पर पीले फूल एवं शिवाष्टक का पाठ करें। 

मकर राशि - शिवलिंग पर भांग, फूल, अष्टगंध एवं पार्वतीनाथाय का जाप करें। 

कुंभ राशि - गन्ने के रस से शिव का अभिषेक एवं शिवाष्टक का पाठ करें। 

मीन राशि - शिवलिंग पर पंचामृत, पीले फूल, चंदन की माला एवं पंचाक्षरी मंत्र का जाप करें। 


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