बिहार में 25 मॉडल डिग्री कॉलेज की परिकल्पना चकनाचूर, जमीन का भी नहीं हो सका है जुगाड़
बिहार में उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए केंद्र ने पिछड़े जिलों में मॉडल डिग्री कॉलेज खोलने का प्रस्ताव दिया था जो अधिकारियों की निष्क्रियता से साकार नहीं हो रहा। पढ़ें।
By Rajesh ThakurEdited By: Published: Tue, 05 May 2020 07:26 PM (IST)Updated: Tue, 05 May 2020 07:26 PM (IST)
पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने के लिए केंद्र सरकार ने पिछड़े जिलों में मॉडल डिग्री कॉलेज खोलने का प्रस्ताव दिया था, जो शिक्षा विभाग के अधिकारियों की निष्क्रियता के चलते साकार नहीं हो पा रहा है। प्रदेश में 25 मॉडल कॉलेज खोलने का मामला अब अटक गया है क्योंकि इसके लिए जमीन का जुगाड़ नहीं हो पाया है।
प्रस्तावित योजना के तहत प्रदेश के वैसे जिलों में मॉडल डिग्री कॉलेज खोले जाने थे जहां नामांकन दर राष्ट्रीय दर 12.4 फीसद से कम थी। इस पैमाने पर बिहार में 25 जिले चुने गए थे। इस योजना की खासियत यह है कि इसके तहत मॉडल डिग्री कॉलेज खोलने पर लागत खर्च का एक तिहाई फंड केंद्र सरकार को वहन करना है। शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने स्वीकार किया कि विभाग द्वारा मॉडल कॉलेज के लिए आधारभूत संरचना तैयार करने के काम में अपेक्षित गति नहीं आ सकी है। इसकी एक प्रमुख वजह जमीन का जुगाड़ नहीं हो पाना है।
चयनित जिलों के नाम
इस योजना के तहत केंद्र सरकार ने अररिया, औरंगाबाद, बांका, बेगूसराय, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, दरभंगा, गोपालगंज, जमुई, कैमूर, कटिहार, खगडिय़ा, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मधुबनी, नवादा, पूर्णिया, सहरसा, समस्तीपुर, शिवहर, सीतामढ़ी, सिवान, सुपौल तथा वैशाली जिलों का चयन किया है। योजना के मुताबिक केंद्र हर कॉलेज के लिए चार करोड़ की राशि उपलब्ध कराएगा जबकि जमीन व अन्य व्यवस्थाएं राज्य सरकार को करनी है।
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