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बिहार में सरकारी खरीद का अजीब हाल, धान का कटोरा कहे जाने वाले इलाके में ही पिछड़े पैक्‍स

Bihar Me Dhan Kharid धान खरीद में 24 जिले सबसे आगे राज्य में 23 लाख टन से ज्यादा धान का क्रय कुछ जिलों में धान खरीद ने पकड़ी रफ्तार निगरानी बढ़ी किसानों को अधिक से अधिक लाभ देने में जुटी सरकार

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 09:36 AM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 09:36 AM (IST)
बिहार में सरकारी खरीद का अजीब हाल, धान का कटोरा कहे जाने वाले इलाके में ही पिछड़े पैक्‍स
Bihar Me Dhan Kharid : बिहार में धान खरीद की प्रक्रिया जारी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, दीनानाथ साहनी। Paddy Procurement in Bihar: बिहार सरकार ने धान खरीदने (Bihar Men Dhan Kharid) की रफ्तार को काफी तेज कर दिया है। सभी 38 जिलों में पैक्सों व व्यापार मंडलों में धान खरीद की डीएम के स्तर पर निगरानी की जा रही है। इसके नतीजे भी बेहतर आ रहे हैं। धान खरीद में 24 जिले सबसे आगे हैं, जहां लक्ष्य के विरुद्ध 50 से 90 प्रतिशत तक धान खरीद हो चुकी है। खास बात यह कि कटिहार में लक्ष्य से ज्यादा धान खरीद हो चुकी है। यहां 55 हजार टन धान खरीद होना था, लेकिन पैक्सों पर धान की आमद बढऩे से अब तक 55,266 टन धान खरीद हुई है। खास बात यह है कि धान का कटोरा कहे जाने वाले शाहाबाद क्षेत्र के जिलों में खरीद की गति सुस्‍त है।

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पिछले साल की तुलना में डेढ़ गुना ज्यादा खरीद

पिछले वर्ष 2020-21 में 18 दिसंबर तक 15 लाख 71 हजार टन धान खरीद हुई थी। इस साल अब तक 23 लाख 38 हजार टन धान खरीद हो चुकी है। आंकड़े का आकलन करने पर गत वर्ष की तुलना में इस बार डेढ़ गुना ज्यादा धान खरीद हो चुकी है। सभी जिलों में धान खरीद की प्रगति की आनलाइन समीक्षा के बाद खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव विनय कुमार ने बताया कि धान खरीद में नए रिकार्ड बनाने के लिए सरकार हरसंभव प्रयास करने में जुटी है।

2,92,265 किसान हुए लाभान्वित

धान खरीद के लिए 7,409 पैक्स/व्यापार मंडल सक्रिय हैं जहां 2,96,265 किसान धान बेच चुके हैं। इसमें 2,56,207 किसानों (87.48 प्रतिशत) को 3680 करोड़ 18 लाख रुपये का भुगतान हो चुका है। धान बेचने वाले किसानों को 72 घंटे के अंदर राशि भुगतानकिया जा रहा है।

धान क्रय में ये जिले आगे

पूर्णिया में 57,631 टन (90 प्रतिशत), अररिया में 66,857 टन (82.83 प्रतिशत), बेगूसराय में 12,213 टन (76.33 प्रतिशत), वैशाली में 7,149.75 टन (71.50 प्रतिशत), समस्तीपुर में 24991.64 टन (71.43 प्रतिशत), मधेपुरा में 53,767 टन (73.36 प्रतिशत), गया में 1,36,233 टन (54.34 प्रतिशत), नालंदा में 1,10,018 टन (54.51 प्रतिशत), सिवान में 63,869 टन (55.81 प्रतिशत), किशनगंज में 58,514 टन (64.34 प्रतिशत), मुजफ्फरपुर में 37,454 टन (57.38 प्रतिशत), सहरसा में 35,498 टन (68.78 प्रतिशत) खरीद हुई है।

इसी तरह औरंगाबाद में 1,26,453 टन (52.65 प्रतिशत), बक्सर में 80,235 टन (58.92 प्रतिशत), सुपौल में 64,916 टन (68.81 प्रतिशत), सीतामढ़ी में 55,430 टन (68.82 प्रतिशत), खगडिय़ा में 14,853 टन (57.30 प्रतिशत), नवादा में 81,436 टन (51.86 प्रतिशत), भागलपुर में 31,135 टन (51.15 प्रतिशत), पटना 1,38,366 (50.12 प्रतिशत), अरवल में 45,235 टन (50.03 प्रतिशत), गोपालगंज में 35,192 टन (50.02 प्रतिशत), दरभंगा में 23,448 टन (52.12 टन)।

धान खरीद में ये जिले पीछे

रोहतास में 2,36,485 टन (44.68 प्रतिशत), कैमूर में 1,29,461 टन (45.23 प्रतिशत), भोजपुर में 1,11,967 टन (44.65 प्रतिशत), पूर्वी चंपारण में 58,788 टन (40.27 प्रतिशत), पश्चिम चंपारण में 45,178 टन (39.28 प्रतिशत), लखीसराय में 33,725 टन (32.69 टन), मधुबनी में 44,209 टन (40.23 प्रतिशत), जहानाबाद में 48,432 टन (46.89 प्रतिशत), बांका में 44,163 टन (45.38 प्रतिशत), जमुई में 29,286 टन (33.63 प्रतिशत), सारण में 35,453 टन (40.23 प्रतिशत), मुंगेर में 22,175 टन (41.35 प्रतिशत), शेखपुरा में 14,276 टन (29.75 प्रतिशत), शिवहर में 17,428 टन (46.21 प्रतिशत)।


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