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भारत और रूस के रिश्‍तों को कोयला और लोहा क्षेत्र के समझौते देंगे और मजबूती, केंद्रीय मंत्री आरसीपी ने कही बड़ी बात

India-Russia Relation प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप कोयले के आयात और विकल्प खोजने और कैबिनेट के निर्णय के आधार पर इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इससे भारत के स्टील उद्योग के उत्पादन में बढ़ावा मिलेगा और दोनों देशों के रिश्ते और मजबूत होंगे।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sun, 17 Oct 2021 07:25 AM (IST)Updated: Sun, 17 Oct 2021 07:25 AM (IST)
भारत और रूस के रिश्‍तों को कोयला और लोहा क्षेत्र के समझौते देंगे और मजबूती, केंद्रीय मंत्री आरसीपी ने कही बड़ी बात
केंद्रीय इस्‍पात मंत्री आरसीपी सिंह। केंद्रीय मंत्री के ट्विटर हैंडल से साभार

पटना, राज्य ब्यूरो। केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह (Union Steal Minister RCP Singh) 13 से 15 अक्टूबर तक मास्को दौरे पर रहे। इसी दौरान आरसीपी सिंह 'रूसी ऊर्जा सप्ताह' के दौरान रूसी संघ के ऊर्जा मंत्री निकोले शुलगिनोव से मुलाकात की। आसीपी सिंह ने बताया कि मुलाकात के दौरान दोनों मंत्रियों के बीच कोयला और लोहा क्षेत्र में सहयोग के अवसरों पर चर्चा हुई। इस दौरान दोनों देश के मंत्रियों ने बीच कोयला के क्षेत्र में सहयोग को लेकर करार पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के (PM Narendra Modi) विजन के अनुरूप कोयले के आयात और विकल्प खोजने और कैबिनेट के निर्णय के आधार पर इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इससे भारत के स्टील उद्योग के उत्पादन में बढ़ावा मिलेगा और दोनों देशों के रिश्ते और मजबूत होंगे।

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भारत को मिलेगा उच्‍च गुणवत्‍ता वाला कोयला

पहल से भारत को उच्च गुणवत्ता वाले कोयले की लंबी अवधि की आपूर्ति, कोकिंग कोल डिपोजिट्स का विकास और लाजिस्टिक्स विकास, कोकिंग कोल उत्पादन प्रबंधन में अनुभव साझा करना, खनन की तकनीकें और प्रसंस्करण के साथ-साथ प्रशिक्षण भी शामिल हैं। आरसीपी सिंह ने मास्को में 'जलवायु के प्रति संवेदनशील दुनिया में कोयले का भविष्य' विषय पर एक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार को संबोधित किया।

  • कोयला व लोहा के क्षेत्र में भारत व रूस के बीच करार : आरसीपी सिंह

ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में कोयल अहम

आरसीपी सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि भारत में 70 फीसद से अधिक बिजली का उत्पादन कोयले पर आधारित है। ऐसी ही स्थिति चीन, इंडोनेशिया, आस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका आदि जैसे अन्य कोयला-समृद्ध देशों में भी है। दुनिया भर में, लगभग 33.8 फीसद ऊर्जा की जरूरत कोयले से पूरी होती है। इसलिए हमें एक नई शुरुआत करनी चाहिए जिसमें कोयले का ठीक इस्तेमाल सुनिश्चित किया जा सके। मास्को यात्रा के दौरान आरसीपी सिंह ने कई प्रमुख रूसी इस्पात संस्थानों और कंपनियों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की।


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