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भागलपुर में सिल्क, मुजफ्फरपुर में साबुन और अगरबत्ती उद्योग पर जोर; आरा, गया, समस्‍तीपुर और दरभंगा के लिए बना ये प्‍लान

Bihar Industry Development Plan खादी बोर्ड जिलों में बनायेगा क्लस्टर स्थानीय उत्पादों का होगा निर्यात दरभंगा में कुंभकारी एवं समस्तीपुर में बांस के उत्पादों का होगा क्लस्टर] - गया में स्टोन शिल्प एवं मुजफ्फरपुर में ग्रामोद्योग होगा केंद्र में

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Wed, 06 Oct 2021 11:44 AM (IST)Updated: Wed, 06 Oct 2021 11:44 AM (IST)
भागलपुर में सिल्क, मुजफ्फरपुर में साबुन और अगरबत्ती उद्योग पर जोर; आरा, गया, समस्‍तीपुर और दरभंगा के लिए बना ये प्‍लान
खादी बोर्ड के जरिए स्‍थानीय उत्‍पादों को बढ़ावा देने की तैयारी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, नीरज कुमार। खादी बोर्ड ने स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए जिलों में क्लस्टर बनाने का निर्णय लिया है। इसके जरिए भागलपुर में सिल्क, मुजफ्फरपुर में साबुन और अगरबत्ती, गया में स्टोन शिल्प, आरा में एप्लीक व कशीदाकारी, समस्तीपुर में बांस के उत्पाद एवं दरभंगा में कुंभकारी को बढ़ावा दिया जाएगा। उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन का कहना है कि प्रदेश के स्थानीय उत्पादों को बड़े पैमाने पर निर्यात करने के लिए कलाकारों को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है। राज्य का उद्योग विभाग निर्यात को बढ़ावा देने के लिए खादी के वस्त्रों, ग्रामोद्योग सामग्री एवं हस्तशिल्प के लिए बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण दे रहा है। इसके अलावा पुराने कलाकारों को भी नई तकनीक से जोड़ा जा रहा है, ताकि उनके उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाई जा सके।

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वाणिज्य मंत्रालय दिखा चुका निर्यात के लिए हरी झंडी

वाणिज्य मंत्रालय भी राज्य के उत्पादों को निर्यात के लिए हरी झंडी दिखा चुका है। वर्तमान में राज्य का निर्यात देश के कुल निर्यात का एक फीसद भी नहीं है। इसलिए उद्योग विभाग प्रदेश के उत्पादों का निर्यात करना चाहता है। इससे विदेशी मुद्रा भी हासिल होगी।

मधुबनी पेंटिंग एवं सुजनी कला की दुनियाभर में मांग

खादी बोर्ड के सीईओ अशोक कुमार सिन्हा का कहना है कि मधुबनी पेंटिंग एवं सुजनी कला की विदेशों में भारी मांग है। भागलपुर के सिल्क एवं मधुबनी के मसलिन के वस्त्रों की मांग हो रही है। मुजफ्फरपुर में ग्रामोद्योग की सामग्री तैयार करने के लिए प्रशिक्षण का काम शुरू हो गया है। इसका लाभ समाज के गरीब तबके तक पहुंचे इसके लिए बोर्ड की ओर से समुचित कदम उठाए गए हैं।


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