Earth Hour 2021: पटना में गर्मी बढ़ते ही 700 मेगावाट तक पहुंच जाती है बिजली की खपत, औसत से दाेगुना है यह आंकड़ा
Earth Hour 2021 दुनिया भर के प्रकृति प्रेमी शनिवार को यानी आज अर्थ ऑवर मना रहे हैं। इस आयोजन का मकसद प्रकृति को उसके मूल रूप में बचाने का संदेश देना है। अर्थ ऑवर की शुरुआत वर्ष 2007 में आस्ट्रेलिया की राजधानी सिडनी से हुई थी।
पटना, बिहार ऑनलाइन डेस्क। Earth Hour 2021: दुनिया भर के प्रकृति प्रेमी शनिवार को यानी आज अर्थ ऑवर मना रहे हैं। इस आयोजन का मकसद प्रकृति को उसके मूल रूप में बचाने का संदेश देना है। अर्थ ऑवर की शुरुआत वर्ष 2007 में आस्ट्रेलिया की राजधानी सिडनी से हुई थी। इस खास मौके पर बिजली के सभी बल्ब बुझा कर प्रकृति संरक्षण का संदेश दिया जाता है। आज यानी 27 मार्च को रात 8.30 बजे से रात 9.30 बजे तक सभी लोगों से घरों की सभी बत्तियां बुझाकर रखने का आग्रह किया गया है। इंटरनेट मीडिया के इस दौर में इस मुहिम की झलक पटना में भी देखने को मिलने की उम्मीद है। पटना के युवा भी इस आयोजन को सफल बनाने में जुटे हैं। अर्थ ऑवर हर साल मार्च महीने के आखिरी शनिवार को मनाया जाता है।
बिजली बचाकर प्रकृति को बचाने का देते हैं संदेश
एक घंटे पूरी दुनिया में बिजली की बत्तियां बुझाकर रखी जाएं तो हजारों मेगावाट बिजली बचाई जा सकती है। अर्थ ऑवर के आयोजन का उद्देश्य लोगों को यही संदेश देना है। बिजली के बल्ब थोड़ी-थोड़ी मात्रा में ही सही, लेकिन समेकित रूप से देखें तो काफी ऊष्मा पैदा करते हैं। इसी तरह बिजली बनाने के लिए भी ताप विद्युत गृहों में काफी कोयला जलाना पड़ता है। पटना विश्वविद्यालय के छात्र राहुल का कहना है कि अगर हर आदमी रोजाना अपनी दिनचर्या में बिजली बचाने पर ध्यान दे तो काफी हद तक पर्यावरण को बचाने में मदद मिलेगी।
पटना में मार्च के दौरान 350 मेगावाट बिजली की खपत
अगर बिहार की राजधानी पटना की बात करें तो मार्च के महीने में यहां प्रतिदिन बिजली की खपत 350 से 400 मेगावाट तक रहती है। 2020 के मार्च महीने में कोराेना की वजह से लॉकडाउन लगाते ही बिजली की खपत 300 मेगावाट से भी हो गई थी। बिजली की खपत गर्मी बढ़ने के साथ बढ़ती है। एसी और कूलर का इस्तेमाल बिजली की खपत काे बढ़ा देता है। इसी तरह ठंड में भी हीटर, ब्लोअर और गीजर जैसे उपकरणों से बिजली की खपत बढ़ती है। पटना विद्युत आपूर्ति प्रतिष्ठान्न (पेसु) के अधिकारी बताते हैं कि पटना के लिए पर्याप्त बिजली की उपलब्धता है। पेसु अपने संसाधनों से पटना में एक हजार मेगावाट तक बिजली की आपूर्ति करने में सक्षम है। वर्ष 2019 की गर्मियों में पटना में बिजली की खपत करीब 700 मेगावाट तक पहुंच गई थी। सात मई 2017 को पटना में 484 मेगावाट बिजली की खपत दर्ज की गई थी।