मिड डे मील की सप्ताह भर में डाटा एंट्री नहीं हुई तो होगी सख्त कार्रवाई
मिड डे मील निदेशक ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को सख्त हिदायत दी है। दिसंबर से स्कूलों में बच्चों को दिए जानेवाले मिड-डे मील का डाटा एंट्री नहीं होने से केंद्र को रिपोर्ट नहीं भेजी जा सकी है। जबकि कोविड-19 के दौरान प्रत्येक दिन का मील दिया गया है।
पटना, राज्य ब्यूरो। राज्य के सरकारी विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को मिड डे मील योजना (Bihar Mid day meal Scheme) के तहत खाद्यान्न तो मिल गए, लेकिन उसकी एंट्री एमआइएस में नहीं हुई है। इसे गंभीरता से लेते हुए योजना निदेशक सतीश चंद्र झा ने जिला कार्यक्रम अधिकारियों (District Program officer) को सख्त हिदायत दिया है। उनहेांने सप्ताह भर के अंदर कंप्लीट डाटा एंट्री (data entry) सुनिश्चित करने की मोहलत सभी जिलों के जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को दिया है। इसके बाद निदेशक ने दोषियों पर कार्रवाई करने की भी हिदायत दी गई है।
केंद्र को नहीं मिला डाटा
निदेशक सतीश चंद्र झा ने मिड डे मील के क्रियान्वयन की समीक्षा के क्रम में पाया है कि दिसंबर से बच्चों के बीच खाद्यान्न वितरण की डाटा एंट्री एमआइएस में नहीं की गई है। इसके चलते बिहार सरकार की ओर से डाटा का हस्तांतरण केंद्र सरकार को नहीं हो पा रहा है। निदेशक के मुताबिक कोरोना काल और लॉकडाउन के दौरान विद्यालयों के बंद होने पर खाद्य सुरक्षा योजना के तहत सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों के कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को प्रति कार्य दिवस के हिसाब से खाद्यान्न दिए गए। खाद्यान्न के लिए विद्यालयों में बच्चों के अभिभावकों को बुलाये गए। लेकिन बच्चों का डाटा एंट्री नहीं हो पाने से इसकी रिपोर्ट केंद्र को नहीं भेजी जा सकी है।