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धुंध और प्रदूषण के कारण बढ़ी सर्दी-खांसी की समस्‍या, आरटपीसीआर जांच से पता चलेगा कोरोना तो नहीं हुआ

Coronavirus Update News खांसी से पहचान कोरोना है स्मॉग का दुष्प्रभाव स्मॉग के कारण सर्दी-खांसी बुखार व दम फूलने से लोग परेशान मरीज को स्मॉग में पहले भी खांसी होती थी तो डॉक्‍टर दे रहे दवा नहीं तो करा रहे कोरोना की जांच

By Shubh NpathakEdited By: Published: Sat, 05 Dec 2020 07:29 AM (IST)Updated: Sat, 05 Dec 2020 07:29 AM (IST)
धुंध और प्रदूषण के कारण बढ़ी सर्दी-खांसी की समस्‍या, आरटपीसीआर जांच से पता चलेगा कोरोना तो नहीं हुआ
कोरोना की पहचान के लिए सबसे बेहतर है आरटीपीसीआर जांच (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)। जागरण

पटना, जेएनएन। राजधानी पटना के स्मॉग (धुंध) के शिकंजे में आने के बाद लोगों को कई प्रकार की समस्याएं सता रही है। इसमें सबसे सामान्य सर्दी-खांसी, बुखार, दम फूलना, नाक-आंख व गले में संक्रमण है। कोरोना के भी कमोवेश यही लक्षण होने से न केवल मरीज बल्कि डॉक्टर भी पशोपेश में हैं। कोरोना है या स्मॉग का दुष्प्रभाव, यह जानने का सबसे बेहतर तरीका आरटी-पीसीआर विधि से जांच कराना है। हालांकि, डॉक्टर मरीज की हिस्ट्री जानकर खांसी के आधार पर भी स्मॉग और कोरोना संक्रमण में अंतर कर रहे हैं।

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खांसी ठीक नहीं हो रही तो हो सकता कोरोना

पीएमसीएच के एसोसिएट प्रोफेसर छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. सुभाष चंद्र झा के अनुसार सामान्यत: सिर्फ क्लीनिकल हिस्ट्री और लक्षणों के आधार पर यह जानना मुश्किल है कि समस्या कोरोना संक्रमण के कारण है स्मॉग के दुष्प्रभाव के कारण। दोनों में सर्दी-खांसी, हफनी और बुखार जैसे लक्षण हो सकते हैं  लेकिन कुछ अंतर किया जा सकता है। जैसे कोरोना में सामान्यत: बुखार रहता है और दम फूलता है। यदि यह लक्षण सामान्य है तो खांसी की हिस्ट्री जानना जरूरी है। यदि स्मॉग होने पर हर वर्ष मरीज को सर्दी-खांसी, हफनी जैसी समस्या होती है तो तीन दिन दवा देकर उसका असर देखा जा सकता है। यदि ऐसा पहली बार हुआ है और खांसी ठीक नहीं हो रही है तो यह कोरोना हो सकता है। ऐसे में आरटी-पीसीआर जांच के साथ छाती का सीटी स्कैन करा कर फेफड़े में संक्रमण को देखा जाता है।

बीमारी से अच्छा है परहेज

डॉ. सुभाष चंद्र झा ने बताया कि केवल एक मास्क पहनने से स्मॉग व कोरोना के अलावा कई रोगों से बचाव हो सकता है। स्वस्थ रहने के लिए सही ढंग से मास्क पहनना और उसके नियमों का पालन करना जरूरी है। घर से निकलते समय मास्क पहनें और बाहर बहुत जरूरी होने पर किनारे से पकड़कर उसे उतार कर जल्द से जल्द दोबारा पहन लें। मास्क उतारने और पहनने के पहले हाथों को सैनिटाइज जरूर कर लें। कभी भी मास्क को नाक-मुंह के नीचे खिसका कर उसे दोबारा ऊपर नहीं खींचे। कान के पास से पकड़कर उतारे और उसी प्रकार पहनें।


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