नीले मोर को तो नाचते सभी ने देखा होगा, सफेद मोर देखने का मौका मिला है क्या आपको
मोर को 26 जनवरी 1963 को राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया था। इसका वजन 2.7 किलोग्राम से लेकर छह किलोग्राम तक होता है। अधिक वजन होने के कारण ही यह लंबे समय तक नहीं उड़ सकता है। पटना जू का यह मोर थोड़ा अनोखा है...
पटना, जेएनएन। नीले रंग का मोर तो लगभग सभी लोग देखे होंगे, लेकिन क्या कभी आपने सफेद रंग का मोर देखा है। अगर नहीं देखा है तो एक बार पटना जू जरूर आइए। चिड़ियाघर के गेट संख्या 2 से प्रवेश करते ही कुछ कदम की दूरी पर आपको बाईं साइड में सफेद रंग का मोर दिखाई देगा। यह देखने में बहुत ही खूबसूरत लगता है। सफेद मोर मूल रूप से दक्षिणी और दक्षिण-पूर्वी एशिया में पाया जाता है।
कितनी लंबाई होती है मोर की
नर मोर की लंबाई लगभग 215 सेंटीमीटर और ऊंचाई 50 सेंटीमीटर होती है। मादा मोर की लंबाई 95 सेंटीमीटर होती है। मोर के पंखों की संख्या लगभग 150 होती है। मुख्य तौर पर मोर नीले रंग में पाया जाता है। इसके अलावे मोर सफेद, हरे और जामुनी रंग का भी होता है। मोर की उम्र 25 से 30 वर्ष होती है।
सेल्फी लेना नहीं भूलते लोग
चिड़ियाघर घूमने आने वाले लोग मोर के साथ सेल्फी लेना नहीं भूलते। जो कोई भी इस मोर को देखता है, बस एक टक नजरें लगाए देखते ही रह जाता है। ये मोर जब अपनी पंखों को खोलता है तब इसकी खूबसूरती देखते ही बनती है। पटना जू में सफेद मोर की संख्या तीन है। इसे बैंगलोर जू से लाया गया था। नीले रंग मोर की संख्या 16 है। इसका प्रजनन काफी अच्छे से पटना जू में हो रहा है।
1963 में राष्ट्रीय पक्षी घोषित हुआ था मोर
मोर को 26 जनवरी 1963 को राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया था। इसका वजन 2.7 किलोग्राम से लेकर छह किलोग्राम तक होता है। अधिक वजन होने के कारण ही यह लंबे समय तक नहीं उड़ सकता है। इसी वजह से से यह पक्षी होने के बावजूद चलना ही अधिक पसंद करता है। मोर समूह में रहना ही ज्यादा पसंद करते हैं। ये सामान्यतः दो से तीन वर्ष में प्रजनन के लिए योग्य हो जाते हैं। इनके प्रजनन का काल जनवरी से सितंबर तक है। मोर एक बार में सामान्य तौर पर 4 से 6 अंडे देते हैं। दूसरे पक्षियों की तरह अंडे देने के लिए मोरनी घोसला नहीं बनाती है। यह जमीन पर ही किसी सुरक्षित स्थान को तलाश कर वहां अंडे देती है। पूरे विश्व में सबसे खूबसूरत और आकर्षक मोर भारत में पाए जाते हैं। पटना जू में मोर को पालक, लहसुन, ज्वार, बाजरा इत्यादि चीजे खाने में दी जाती हैं।