टाल में जलजमाव तो कैसे आएगी कटोरे में दाल
बड़ा मुद्दा -------- -वर्षो से मुंह बाए खड़ी है टाल की समस्या करोड़ों खर्च के बाद भी किसान परेशान मोकामा विस क्षेत्र में विकास कार्य हुए पर और की दरकार ----------- -28 अक्टूबर को प्रथम चरण में ही होने जा रहा चुनाव -08 प्रत्याशी मोकामा विधानसभा क्षेत्र आजमा रहे भाग्य --------- जागरण संवाददाता पटना
पटना । वाया पटना-बख्तियारपुर फोरलेन से विकास की बयार मोकामा पहुंची है। देर रात तक बाजार में चहल-पहल भी रहती है। घर-घर पहुंची बिजली से दर्जनों गावों में रोशनी फैली है। गाव की सड़कें मुख्य पथ से जुड़ चुकी हैं, लेकिन वर्षो से चली आ रही टाल क्षेत्र में जलजमाव की समस्या का निदान नहीं हो सका है।
दाल का कटोरा कहे जाने वाले टाल से जुड़े बहुसंख्य किसानों के हालात बदतर हैं। इस इलाके को मूल रूप से कृषि प्रधान माना जाता है। आजादी के बाद से ही टाल योजना को लागू करने और इस भूभाग को दो फसला बनाने की माग उठती रही है।
क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता गोपाल प्रसाद, शैला देवी, उपेंद्र महतो, धर्मवीर यादव, धु्रव पासवान कहते हैं, प्रत्याशी वोट मांगने तो आते हैं पर वर्षो पुरानी समस्या के समाधान की कोई बात नहीं करते। टाल की सबसे बड़ी समस्या जलजमाव है। इसका निदान हो जाए तो क्षेत्र के किसान खुशहाल हो जाएंगे। ऐसी बात नहीं है कि टाल क्षेत्र के विकास पर खर्च नहीं किए गए हैं। करोड़ों खर्च के बाद भी समस्या का समुचित समाधान नहीं निकला है। इसके साथ बेरोजगारी भी बड़ा मुद्दा है ।
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कंपनियों के बंद होने
से बाजार प्रभावित
कभी क्षेत्र के हजारों परिवारों का भरण-पोषण करने वाली भारत वैगन एंड इंजीनियरिंग कंपनी, एनटीसी का सूत मील, बाटा इंडिया फैक्ट्री, मेक्डोवेल के बंद हो जाने का असर भी पड़ा है। स्थानीय बाजार भी इससे प्रभावित हुए हैं। रेडिमेड गारमेंट्स से जुड़े व्यवसायी राजेश कुमार बताते हैं, कम हो गए ग्राहक से दुकानदारी प्रभावित हो रही है। सर्राफा व्यवसाय से जुड़े पंकज कुमार कहते हैं, रोजगार कम होने से बाजार की रौनक काफी फीकी पड़ गई। इस क्षेत्र में प्रथम चरण में ही 28 अक्टूबर को होने जा रहा है। आठ प्रत्याशी भाग्य आजमा रहे हैं।