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Bihar Assembly Elections 2020: जदयू पर अब सीधे हमलावार हो गए हैं चिराग, अलग रास्ते का दे रहे संकेत

बिहार विधानसभा चुनाव आते ही राजग के घटक दल जहां शराबबंदी की तारीफ कर रहे वहीं चिराग पासवान इसे फेल बता रहे हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 07:53 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2020 07:58 PM (IST)
Bihar Assembly Elections 2020: जदयू पर अब सीधे हमलावार हो गए हैं चिराग, अलग रास्ते का दे रहे संकेत
Bihar Assembly Elections 2020: जदयू पर अब सीधे हमलावार हो गए हैं चिराग, अलग रास्ते का दे रहे संकेत

भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के अंदाज से राजग में हैरानी है। जिस अंदाज में लगातार दो दिनों से वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू को निशाने पर लेकर लिखा-पढ़ी में सक्रिय हैैं, उससे सीधा संकेत मिल रहा कि वह अलग रास्ते की ओर देख रहे हैं।

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शराबबंदी को फेल बताते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिख दिया

बिहार में पूर्ण शराबबंदी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बड़ी उपलब्धियों में जानी जाती है। कई फोरम पर सरकार के इस सामाजिक सुधार अभियान की चर्चा मुख्यमंत्री ने स्वयं की है। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसकी तारीफ की। सरकार के स्तर पर यह अध्ययन भी कराया गया कि पूर्ण शराबबंदी लागू होने से किस तरह का आर्थिक बदलाव आया। किस तरह से दूध और मिठाइयों की बिक्री बढ़ी और गांवों का माहौल किस तरह से बदला। वहीं चिराग पासवान ने शुक्रवार को एक उदाहरण के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यह पत्र लिख दिया कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी के दावे पर सवाल है। 

वायरल वीडियो के हवाला से सरकार को दी नसीहत

चिराग के संसदीय क्षेत्र जमुई के रहने वाले एक व्यक्ति (वार्ड पार्षद संजय यादव) का पिछले दिनों वीडियो वायरल हुआ था। उक्त वीडियो में वह व्यक्ति केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान और लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के खिलाफ अभद्र टिप्पणी कर रहा था। धमकी की बात भी थी। चिराग ने मुख्यमंत्री को जो पत्र लिखा है, उसमें उन्होंने यह कह दिया कि वायरल वीडियो जिस व्यक्ति का है, उसने शराब पी रखी थी। इसका मतलब है कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी का दावा बेमानी है। मुख्यमंत्री को उन्होंने यह नसीहत भी दे डाली कि इसकी जांच कराएं। इसी व्यक्ति के वीडियो को ले दो दिन पूर्व भी चिराग ने सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिख डाला था। यह आरोप था कि उक्त व्यक्ति को जनवितरण प्रणाली का लाभ नहीं मिला, इसलिए वह परेशान था। नसीहत देते हुए लिखा कि यह जिम्मा राज्य सरकार का है कि सभी जरूरतमंद लोगों को जनवितरण प्रणाली की दुकान से राशन मिले। 

चुनाव पर जदयू के घोषित स्टैैंड के खिलाफ आयोग को लिख डाला

विधानसभा चुनाव को ले जदयू का यह घोषित स्टेंड है कि चुनाव होना चाहिए। भाजपा की भी सहमति रही है। दोनों दलों ने वर्चुअल सम्मेलन भी किए। वहीं राजग के इन दोनों बड़े दलों से उलट चिराग ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के स्टेंड के साथ अपने को जोड़ लिया। पहले भी उन्होंने चुनाव नहीं कराने की बात कही थी। शुक्रवार को काफी ठोक-बजा कर उनके दल ने चुनाव आयोग को यह लिखित रूप से भेज दिया कि बिहार में अक्टूबर-नवंबर में चुनाव कराना लोगों को मौत के मुंह में ढकेलने की तरह है। उन्होंने तेजस्वी के उस स्टेंड को भी आगे बढ़ाया, जिसमें यह कहा गया है कि वर्चुअल तरीके से चुनाव प्रचार के पक्ष में उनकी पार्टी नहीं है। 

पूर्व में भी करते रहे हैं राज्य सरकार के खिलाफ तल्ख टिप्पणी

चिराग पासवान ने अपनी 'बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट यात्रा के दौरान काफी तल्ख टिप्पणी की थी। यहां तक कह दिया था कि सूबे के अस्पतालों में कोई रहता नहीं और कुछ भी उपलब्ध नहीं। सरकार के खिलाफ हड़ताल कर रहे नियोजित शिक्षकों के समर्थन में आ गए थे। जदयू द्वारा आपत्ति जताने के बाद कुछ दिन वह शांत रहे। बीच में एक इलाके में चचरी पुल से संबंधित वीडियो के साथ सरकार पर तंज कर दिया।


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