गज-ग्राह की भूमि पर तिरुपति ट्रस्ट बनाएगा विशाल मंदिर, दक्षिण भारत से बिहार के रिश्ते होंगे मजबूत
बाबा हरिहरनाथ की पुण्यभूमि छपरा जिले के सोनपुर में विशाल तीर्थ मंदिर का निर्माण होगा। भारत के सबसे धनी मंदिरों में शुमार तिरुपति बालाजी मंदिर इसके लिए सामने आया है।
पटना, जेएनएन। पौराणिक रूप से गज-ग्राह संघर्ष की गवाह और कभी एशिया के सबसे बड़े पशु मेले के लिए प्रसिद्ध रही बाबा हरिहरनाथ की पुण्यभूमि छपरा जिले के सोनपुर में एक विशाल तीर्थ मंदिर का निर्माण होगा। भारत के सबसे धनी मंदिरों में शुमार तिरुपति बालाजी मंदिर इसके लिए सामने आया है। महावीर मंदिर ट्रस्ट को तीस करोड़ की सहायता देने का प्रस्ताव है। मंदिर निर्माण से दक्षिण भारत से बिहार के रिश्ते मजबूत होंगे। पर्यटन और रोजगार भी बढ़ेगा।
यहां है विष्णु और शिव की एकीकृत मूर्ति
यह जानकारी बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बातचीत में दी। उन्होंने बताया कि सोनपुर में कार्तिक पूर्णिमा से एक महीने तक विशाल मेला लगता है, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु पूजा-अर्चना, पशुओं की खरीदारी और घूमने के लिए आते हैं। गंगा और गंडक के संगम पर बाबा हरिहरनाथ मंदिर दुनिया का एक मात्र ऐसा मंदिर है जहां पर हरि (विष्णु) और हर (शिव) की एकीकृत मूर्ति है।
बाबा हरिहर नाथ के दर्शन को दक्षिण भारत से आते हैं श्रद्धालु
आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि लॉकडाउन के पहले वे कई प्रस्ताव लेकर तिरुपति मंदिर गए थे। उस दौरान तिरुपति मंदिर ट्रस्ट की ओर से अयोध्या के अमावा मंदिर को एक करोड़, चार करोड़ रामायण शोध संस्थान एवं महावीर मंदिर को 30 करोड़ रुपये देने की बात हुई थी। महावीर मंदिर को मिलने वाले 30 करोड़ रुपये से ही सोनपुर में तीर्थ मंदिर का निर्माण होना है। 27 मार्च को ही प्रस्ताव पास किये जाने थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण मामला लटक गया। तिरुपति ट्रस्ट अपने स्तर से सोनपुर में मंदिर बनाएगा तो यह बड़ा तीर्थ हो जाएगा। दक्षिण भारत के लोग सोनपुर में बाबा हरिहर नाथ के दर्शन के लिए आते हैं। आचार्य ने बताया कि लॉकडाउन में तिरुपति मंदिर की आमदनी प्रतिदिन चार-पांच करोड़ से घटकर लाख में आ गई है। इस कारण स्थिति अभी ठीक नहीं है। लॉकडाउन से उबरते ही वे तिरुपति ट्रस्ट से बातचीत करेंगे। सोनपुर में भव्य मंदिर का निर्माण जरूर होगा।