यूजीसी एक साथ दो डिग्री देने पर कर रहा विचार, जानें डिस्टेंस मोड से क्या होगा लाभ
यूजीसी रेगुलर और डिस्टेंस मोड में अलग-अलग विषयों में एक साथ दो डिग्री के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। जानें इससे कैसे होगा आपको लाभ।
पटना, जेएनएन। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) छात्रों को एक साथ दो डिग्री की पढ़ाई के लिए अनुमति देने पर विचार कर रहा है। कमेटी के प्रस्ताव को हरी झंडी मिल जाती है तो स्नातक (यूजी) और स्नातकोत्तर (पीजी) के छात्र रेगुलर कोर्स के साथ-साथ अन्य विषयों में भी डिस्टेंस मोड से पढ़ाई कर सकते हैं। इससे एक सत्र में दो डिग्री प्राप्त होगी। शिक्षकों का कहना है कि सभी को एक साथ दो कोर्स करने की बाध्यता नहीं होगी। इस कारण उलझन बढऩे की बात बेमानी है। छात्रों पर दबाव नहीं बढ़े इसके लिए रेगुलर मोड की पढ़ाई में उन्हें थोड़ी आजादी देनी होगी।
रोजगार के विकल्प बढ़ेंगे, अटेंडेंस में मिले राहत
पटना विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. रास बिहारी प्रसाद सिंह ने कहा कि यह मांग दो दशक पुरानी है। नालंदा खुला विश्वविद्यालय के कुलपति रहने के दौरान उन्होंने यह सुझाव यूजीसी को भेजा था। उन्होंने कहा कि आज की रोजगारपरक शिक्षा के दौर में यह जरूरी है। इसके साथ ही छात्रों को रेगुलर मोड में अटेंडेंस में भी थोड़ी राहत देनी होगी। वर्तमान में 75 फीसद उपस्थिति पर ही परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।
परीक्षा की तिथि में नहीं हो टकराव
दूरस्थ शिक्षा के विशेषज्ञ डॉ. एसपी सिन्हा ने बताया कि योजना अच्छी है, लेकिन इसे व्यवस्थित करना यूजीसी के लिए चुनौती होगी। दोनों विश्वविद्यालय की परीक्षा एक ही समय में न हो। रेगुलर और डिस्टेंस मोड की परीक्षा अलग-अलग समय निर्धारित हो। इसे ध्यान में रखकर ही कोई विवि परीक्षा शिड्यूल तैयार करे। छात्र एक ही विषय में अलग-अलग विश्वविद्यालय में नामांकन नहीं लें। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर डेटा बैंक बनाना होगा।
चार साल का इंतजार होगा खत्म
पटना साइंस कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रो. केसी सिन्हा ने बताया कि एक साथ दो डिग्री की व्यवस्था कई देशों में लागू है। ज्यादा डिग्री होने से छात्रों के लिए विकल्प बढ़ेंगे। सिविल के छात्र इलेक्ट्रीक या अन्य विषय में कोर्स कर सकेंगे। अभी चार साल के बाद कोर्स की अनुमति मिलती है।